संयुक्त राष्ट्र, 26 फरवरी (एजेंसी)
यूक्रेन पर हमले के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले के बाद रूस को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पारित नहीं हो सका, क्योंकि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और फरवरी माह के अध्यक्ष रूस ने इस पर वीटो किया। 15-सदस्यीय सुरक्षा परिषद में शुक्रवार दोपहर अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ। इसे ऑस्ट्रेलिया, एस्तोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, इटली सहित संयुक्त राष्ट्र के 67 सदस्य देशों के एक अंतरक्षेत्रीय समूह ने सह प्रस्तावित किया था। भारत, चीन और यूएई मतदान से दूर रहे। वहीं, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका सहित 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। यूएनएससी की बैठक 2 घंटे की देरी से शुरू हुई और मसौदा प्रस्ताव की भाषा में कुछ बदलाव किए गए, जिसे अंतत: मतदान के लिए रखा गया। जानकारों के मुताबिक, मसौदा प्रस्ताव की भाषा थोड़ी कमजोर की गई थी, ताकि इस पर ज्यादा देशों का समर्थन जुटाया जा सके।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा, ‘यूक्रेन के हालिया घटनाक्रम से भारत बहुत विचलित है। हम हिंसा और युद्ध को तत्काल रोकने की दिशा में हर संभव प्रयास करने की अपील करते हैं। मतभेद दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता त्याग दिया गया।’
यूएन में यूक्रेन के दूत सर्गेई किस्लित्स्या ने कहा, ‘यह यूक्रेन में आपके नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है, जिसके लिए आपको युद्ध रोकने के प्रस्ताव पर सबसे पहले मतदान करना चाहिए। उनका इशारा भारत की तरफ समझा जा रहा है। मतदान के बाद उन्होंने कहा, मैं दुखी हूं। कुछ मुट्ठीभर देश अब भी युद्ध को बर्दाश्त कर रहे हैं।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से मांगा समर्थन
कीव : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शनिवार को बात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा। जेलेंस्की ने एक ट्वीट में कहा, ‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बात की। यूक्रेन द्वारा रूसी आक्रमण का मुकाबला करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी जमीन पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारी हैं। वे आवासीय इमारतों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे हैं।’
अमेरिका ने पुतिन पर लगाये प्रतिबंध
वाशिंगटन : अमेरिका ने एक असाधारण कदम उठाते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव पर प्रतिबंध लगाए दिये हैं। अमेरिका ने उन्हें यूक्रेन पर बिना उकसावे के और गैरकानूनी रूप से हमला करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
रूस की जवाबी कदम उठाने की चेतावनी
मास्को : रूस ने चेतावनी दी है कि प्रतिबंधों पर वह जवाबी कदम उठा सकता है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता वाली सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि रूस न्यू स्टार्ट परमाणु हथियार नियंत्रण संधि से बाहर निकल सकता है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा, ‘अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) की कक्षा और अंतरिक्ष में स्थान रूसी इंजनों द्वारा नियंत्रित होते हैं। यदि सहयोग बाधित करते हैं, तो आईएसएस को कक्षा से बाहर जाने और अमेरिका या यूरोप में गिरने से कौन बचाएगा? यह भी आशंका है कि 500 टन का ढांचा भारत या चीन पर गिर जाए। क्या उन्हें ऐसे खतरे में डालना चाहते हैं?’