31 जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में राजकुमार सिंह के ‘कांग्रेसी संकट में अवसर तलाशती भाजपा’ लेख में स्पष्ट कहा है कि 14 अगस्त को राजस्थान के विधानसभा सत्र में गहलोत और पायलट के बीच चल रही राजनीतिक उठापटक का पटाक्षेप होगा। नाटकीयता की तरफ बढ़ रही राजनीति में सूत्रधारों का खेल चरम पर है। अगर अध्यक्ष का पद फिर राहुल को चला गया तो कांग्रेस के भीतर ही बाजी पलट जायेगी। बसपा अपने उन विधायकों को लेकर विलाप कर रही है, जिनके बूते पर राजस्थान में सत्ता का गठन हुआ था जो अब पूरी तरह दूसरी डाल के पंछी बन चुके हैं। इन स्थितियों में सत्तापक्ष अवसर तो तलाशेगा ही। इस रंगमंच पर खेल जारी है। पर, मतदाता को कब समझ में आयेगा कि वही यह स्थिति पैदा कर रहा है और दलों को विद्रूप खेल खेलने का मौका दे रहा है।
मीरा गौतम, जीरकपुर
असली हीरो
सोनू सूद की जितनी प्रशंसा हो उतनी कम है। उन्होंने इंसानियत की एक मिसाल पेश की है। वैश्विक महामारी कोरोना काल के समय में नायक सोनू ने प्रवासी मजदूरों के दर्द को अपना दर्द समझा। असल में वे ही लोगों के सच्चे हीरो हैं।
निधि जैन, लोनी, गाजियाबाद