Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Uttarakhand Avalanche: बचाव दल ने 14 और मजदूरों को बचाया, एक की मौत

Uttarakhand Avalanche: 55 श्रमिक बर्फ में फंस गए थे और उनमें से 33 को शुक्रवार को निकाल लिया गया
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
राहत एवं बचाव कार्य में जुटी टीम। फोटो चमोली पुलिस के एक्स अकाउंट से
Advertisement

देहरादून, एक मार्च (भाषा)

Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड में चमोली जिले के माणा गांव स्थित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर में हिमस्खलन के कारण कई फुट बर्फ के नीचे फंसे श्रमिकों में से एक की मौत हो गयी। इस बीच फंसे हुए बाकी श्रमिकों को निकालने के लिए शनिवार को फिर से बचाव कार्य शुरू किया गया।

Advertisement

अधिकारियों ने बताया कि फंसे हुए श्रमिकों में से 14 और को शनिवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही हिमस्खलन में फंसे कुल 55 मजदूरों में से 47 को बचा लिया गया है। शुक्रवार रात तक 33 श्रमिकों को निकाल लिया गया था।

सेना के अनुसार, शुक्रवार को सुबह साढ़े पांच से छह बजे के बीच हुए हिमस्खलन के कारण माणा और बदरीनाथ के मध्य स्थित बीआरओ का शिविर बर्फ में समा गया था जिससे आठ कंटेनर और एक शेड में श्रमिक फंस गए। शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी के कारण बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई और रात में अभियान को कुछ देर के लिए रोक दिया गया। शनिवार को मौसम साफ होने पर बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धामी से बात की और उन्हें पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने बताया कि माणा में तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया।

चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि बचाव दल ने 14 और श्रमिकों को बर्फ से बाहर निकाला जबकि बाकी मजदूरों की तलाश जारी है, जो 24 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं। बचाए गए श्रमिकों में से 11 को ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में लाया गया है। उनमें से एक की हालत गंभीर है, कुछ के फ्रैक्चर हैं और अन्य को मामूली चोटें आई हैं।

उन्होंने बताया कि एक को छोड़कर सभी की हालत स्थिर है और अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आवश्यक जांच की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि मौसम फिर से खराब हो रहा है और बचाव अभियान धीमा पड़ सकता है। तिवारी ने बताया कि हालांकि, सेना के हेलीकॉप्टर अभियान में जुटे और अगर मौसम अनुकूल रहा तो हम जल्द ही शेष श्रमिकों का पता लगा लेंगे।

धामी ने हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने एक घायल मजदूर से भी बातचीत की, जिसे इलाज के लिए ज्योतिर्मठ ले जाया जा रहा था। धामी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘चमोली जिले में माणा के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना।''

यह भी पढ़ें: Trump-Zelensky Clash: दुनियाभर के मीडिया के सामने ट्रंप व जेलेंस्की के बीच तीखी बहस, आप भी देखें वीडियो

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही बचाव कार्य में जुटे सैन्य अधिकारियों एवं प्रशासनिक टीमों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों की हरसंभव सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।''

धामी ने कहा कि प्रभावित श्रमिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रशासन, सेना तथा एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हैं। एक अन्य पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे ‘रेस्क्यू ऑपरेशन' की जानकारी ली।''

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री जी ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया।'' बदरीनाथ से तीन किलोमीटर दूर स्थित माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है।

Advertisement
×