बीरशेबा/वाशिंगटन, 24 जून (एजेंसियां)
ईरान-इस्राइल संघर्ष में पिछले 24 घंटों में कई मोड़ और उतार-चढ़ाव देखे गये। अभी यह कहना मुश्किल है कि युद्ध का अंत होगा या और इंतज़ार बाकी है। सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आया कि दोनों देशों में ‘सीज़फायर’ पर सहमति बन गयी है। अस्थायी तौर पर घोषित संघर्ष विराम उस समय खटाई में पड़ता नजर आया जब तेल अवीव ने दावा किया कि एक-दूसरे के खिलाफ हमले नहीं करने को लेकर बनी सहमति के दो घंटे बाद उसके हवाई क्षेत्र में मिसाइलें दागी गई हैं और वह जवाबी कार्रवाई करेगा।
सरकारी मीडिया की खबर के मुताबिक, उत्तरी इस्राइल में धमाकों की आवाजें गूंज उठीं और सायरन बजने लगे। ट्रंप की घोषणा और संघर्ष विराम शुरू होने के बीच इस्राइल ने भोर से पहले ईरान में हवाई हमलों की बौछार कर दी। ईरान ने भी मंगलवार की सुबह इस्राइल पर मिसाइलों से हमला किया जिसमें कम से कम चार लोग मारे गए। वहीं, घोषणा के बाद भी सीजफायर तोड़ने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नाराज़गी जतायी। ट्रंप ने कहा,‘मैं न इस्राइल से खुश हूं और न ईरान से।’ पत्रकारों से बात करते समय ट्रंप की हताशा स्पष्ट थी। उन्होंने इस दौरान ‘अपशब्द’ का भी प्रयोग कर डाला। इसके बाद राष्ट्रपति ने अपने ट्रुथ सोशल मंच पर इस्राइल को हमले बंद करने की चेतावनी दी। ट्रंप ने कहा कि यह एक ऐसा युद्ध था जो वर्षों तक जारी रहता और यह पूरे पश्चिम एशिया को नष्ट कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कभी नहीं होगा।
ट्रंप से बात करने के बाद हमले को टाला : नेतन्याहू
बीरशेबा (एजेंसी) : इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करने के बाद ईरान के खिलाफ भीषण हमले को टाल दिया है। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इस्राइल ने मंगलवार तड़के ईरानी मिसाइल हमले के जवाब में एक ईरानी रडार को निशाना बनाया। उसने कहा, ‘प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ राष्ट्रपति ट्रंप की बातचीत के बाद, इस्राइल ने अतिरिक्त हमले नहीं किए।’
भारत संघर्ष के समाधान में मदद को तैयार : विदेश मंत्रालय
नयी दिल्ली (एज़ेंसी) : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ईरान तथा इस्राइल के बीच युद्धविराम के दावे करने के कुछ घंटों बाद भारत ने मंगलवार को कहा कि वह स्थिति हल करने के लिए अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। भारत ने आगे बढ़ने के लिहाज से ‘बातचीत और कूटनीति’ का रास्ता अपनाने पर जोर दिया। भारत ने कहा कि वह समग्र स्थिति को लेकर ‘गंभीर रूप से चिंतित’ है, लेकिन ईरान और इस्राइल के बीच युद्धविराम की रिपोर्ट का स्वागत करता है।