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Sonia Gandhi: राज्यसभा में बोलीं सोनिया गांधी- खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं है, एक मौलिक अधिकार है

Sonia Gandhi: 50 प्रतिशत शहरी आबादी सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की हकदार
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**EDS: SCREENSHOT VIA SANSAD TV** New Delhi: Congress leader Sonia Gandhi speaks in the Rajya Sabha during the Budget session of Parliament, in New Delhi, Monday, Feb. 10, 2025. (Sansad TV via PTI Photo) (PTI02_10_2025_000050A)
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नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा)

Sonia Gandhi: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 14 करोड़ पात्र भारतीयों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित किए जाने का सोमवार को दावा किया और सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग की।

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राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा विशेषाधिकार नहीं बल्कि नागरिकों का एक मौलिक अधिकार है। गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ ही 50 प्रतिशत शहरी आबादी सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की हकदार है।

उन्होंने कहा कि हालांकि लाभार्थियों के लिए कोटा अब भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जो अब एक दशक से अधिक पुरानी है। उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में 4 साल से अधिक की देरी हुई है। मूल रूप से यह 2021 के लिए निर्धारित थी लेकिन अब भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि जनगणना कब आयोजित की जाएगी।''

गांधी ने कहा कि बजट आवंटन से पता चला है कि जनगणना इस वर्ष भी कराए जाने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार लगभग 14 करोड़ पात्र भारतीयों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत उनके उचित लाभों से वंचित किया जा रहा है। यह जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द जनगणना कराने को प्राथमिकता दे और यह सुनिश्चित करे कि सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गारंटीकृत लाभ प्राप्त हों।''

उन्होंने कहा, ‘‘खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं है, एक मौलिक अधिकार है।'' उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसका उद्देश्य 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना था।

उन्होंने कहा कि इस कानून ने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर कोविड 19 महामारी के संकट के दौरान तथा इसी अधिनियम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आधार प्रदान किया। सोनिया गांधी की ओर से उठाए गए इस मुद्दे को कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों का भी समर्थन मिला और उन्होंने इस मुद्दे से खुद को संबद्ध किया।

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