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Russia Ukraine War: ट्रंप ने पुतिन को युद्ध खत्म करने या प्रतिबंधों का सामना करने की चेतावनी दी

Russia Ukraine War: कहा- रूसी राष्ट्रपति के साथ यथाशीघ्र मुलाकात करूंगा
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में। रॉयटर्स
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वाशिंगटन, 24 जनवरी (भाषा)

Russia Ukraine War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के साथ “समझौता करना चाहिए”। ट्रंप ने कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति के साथ यथाशीघ्र मुलाकात करेंगे।

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इससे पहले उन्होंने अपने रूसी समकक्ष को यूक्रेन में ‘बेवकूफी भरी जंग' खत्म करने या फिर ऊंचे शुल्क और प्रतिबंधों का सामना करने की चेतावनी दी थी।

20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले ट्रंप ने बुधवार को अपने स्वामित्व वाले सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल' पर यह बात कही।

बृहस्पतिवार को ‘ओवल ऑफिस' में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे लगता है कि उन्हें (पुतिन को) समझौता करना चाहिए।” जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि रूस पर प्रतिबंध पुतिन को बातचीत करने के लिए मजबूर करेंगे, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता”।

उन्होंने कहा, “रूस को एक समझौता करना चाहिए। हो सकता है कि वे समझौता करना चाहते हों। मुझे लगता है, मैंने जो सुना है, उसके अनुसार पुतिन मुझसे मिलना चाहेंगे। और हम जल्द से जल्द मिलेंगे। मैं तुरंत मिलूंगा। युद्ध के मैदान में सैनिक मारे जा रहे हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ऐसा कोई युद्धक्षेत्र नहीं देखा गया... और मेरे पास ऐसी तस्वीरें हैं जिन्हें आप नहीं देखना चाहेंगे। हर दिन इतनी संख्या में सैनिक मारे जा रहे हैं, जैसा हमने दशकों में नहीं देखा। इस युद्ध को समाप्त करना अच्छा होगा। यह एक हास्यास्पद युद्ध है।”

एक अन्य सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन समझौता करने के लिए तैयार है। ट्रंप ने कहा, “वह (वोलोदिमिर जेलेंस्की) समझौता करने के लिए तैयार हैं। वह रुकना चाहते हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने बहुत सारे सैनिक खो दिए हैं। रूस ने भी ऐसा ही किया। रूस ने ज्यादा सैनिक खोए, उसने 8,00,000 सैनिक खो दिए।”

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही युद्ध विराम समझौता नहीं हुआ, तो उनके पास “रूस द्वारा अमेरिका और अन्य भागीदार देशों को बेची जाने वाली किसी भी वस्तु पर शुल्क, कर और प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।”

ट्रंप ने जेएफके की हत्या से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी, सीनेटर रॉबर्ट एफ कैनेडी और नागरिक अधिकार के पैरोकार मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्याओं से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी लोगों के बीच जेएफके के नाम से लोकप्रिय थे।

पीड़ितों के परिवार और अमेरिकी जनता को इन हत्याओं के बारे में सच्चाई जानने के हक पर जोर देते हुए कार्यकारी आदेश राष्ट्रीय खुफिया निदेशक को निर्देश देता है कि वह जॉन एफ. कैनेडी की हत्या के सभी रिकॉर्डों को “सम्पूर्ण रूप से जारी” करने के लिए 15 दिनों के भीतर एक योजना प्रस्तुत करें।

इसमें राष्ट्रीय खुफिया निदेशक को रॉबर्ट एफ. कैनेडी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर हत्याकांड के अभिलेखों की तत्काल समीक्षा करने तथा 45 दिनों के भीतर उनके पूर्ण खुलासे के लिए एक योजना प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है।

ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर के बाद संवाददाताओं से कहा, “यह बहुत बड़ी बात है। बहुत से लोग वर्षों, दशकों से इंतजार कर रहे हैं। और सब कुछ सामने आ जाएगा।” इस कार्यकारी आदेश में कहा गया कि जॉन एफ. कैनेडी के अभिलेखों को रोके रखना बहुत समय से लंबित था और यह जनहित में नहीं था।

राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या की फाइलों को सार्वजनिक करना ट्रंप के चुनावी वादों का हिस्सा था। उन्होंने कई मौकों पर जेएफके फाइलों को सार्वजनिक करने का वादा किया था, खास तौर पर जून 2024 में कहा था कि वह ऐसा “जल्द ही” करेंगे।

ट्रंप ने एआई में अमेरिका का वैश्विक प्रभुत्व बढ़ाने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में अमेरिका का वैश्विक प्रभुत्व बढ़ाने और बाइडन प्रशासन की नीतियों को खत्म करके एआई को "वैचारिक पूर्वाग्रह या सामाजिक एजेंडे से मुक्त" बनाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।

ट्रंप के कार्यकारी आदेश के तहत विभागों और एजेंसियों से बाइडन के एआई कार्यकारी आदेश के तहत शुरू की गईं सभी नीतियों, निर्देशों, विनियमों, आदेशों और अन्य कार्रवाइयों को संशोधित या रद्द करने का आह्वान किया गया है। राष्ट्रपति ने ओवल ऑफिस में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।

आदेश में कहा गया है, "मानव समृद्धि, आर्थिक प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका के वैश्विक एआई प्रभुत्व को बनाए रखना और बढ़ाना अमेरिका की नीति है।" ट्रंप प्रशासन ने बाइडेन प्रशासन के एआई कार्यकारी आदेश को रद्द करते हुए दावा किया था कि इससे एआई से जुड़ीं कंपनियों पर अनावश्यक रूप से बोझिल आवश्यकताओं को लागू करके निजी क्षेत्र की नवाचार करने की क्षमता प्रभावित होती है।

ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2019 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर पहली बार कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अमेरिका की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिकी एआई नेतृत्व के सर्वोपरि महत्व को मान्यता दी गई थी।

अमेरिका में सीनेट ने जॉन रैटक्लिफ को सीआईए का प्रमुख नियुक्त किया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने नए मंत्रिमंडल में दूसरा सदस्य मिल गया है, यहां सीनेट ने जॉन रैटक्लिफ को सीआईए निदेशक के रूप में नियुक्त किए जाने की मंजूरी दे दी है।

राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के प्रथम कार्यकाल के दौरान रैटक्लिफ राष्ट्रीय खुफिया निदेशक थे और वे इस पद पर तथा देश की प्रमुख जासूसी एजेंसी सीआईए के शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले व्यक्ति हैं। टेक्सास रिपब्लिकन पूर्व में संघीय अभियोजक थे, जो ट्रंप पर लगे महाभियोग के दौरान सांसद के रूप में कार्य करते हुए ट्रंप के एक प्रखर रक्षक के रूप में उभरे थे।

पिछले सप्ताह सीनेट की सुनवाई में रैटक्लिफ ने कहा कि रूस और चीन जैसे दुश्मनों से निपटने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी तकनीक का इस्तेमाल करने के मामले में सीआईए को बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपनी खुफिया क्षमताओं में सुधार करने की जरूरत है, साथ ही उसे अमेरिकियों के नागरिक अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए।

सीनेट ने ट्रंप के रक्षा मंत्री के रूप में पीट हेगसेथ का नाम आगे बढ़ाया

अमेरिका की सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रक्षा मंत्री के रूप में पीट हेगसेथ का नाम को आगे बढ़ाया है। हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने हेगसेथ पर लगे आरोपों और अमेरिकी सेना का नेतृत्व करने में अनुभव की कमी को लेकर उनके नाम पर कड़ी आपत्ति जताई।

अलास्का की सीनेटर लीसा मुर्कोव्स्की और माइने की सीनेटर सुसान कोलिन्स ने भी हेगसेथ का समर्थन करने से इनकार कर दिया है और ट्रंप एवं उनके सहयोगियों से नाता तोड़ लिया है जो कि हेगसेथ के नाम पर पुष्टि के लिए व्यापक अभियान चला रहे हैं। भूतपूर्व सैनिक और ‘फॉक्स न्यूज' के मेजबान रहे हेगसेथ पर अत्यधिक शराब पीने और महिलाओं के प्रति आक्रामक व्यवहार करने के आरोप रहे हैं, जिसका उन्होंने खंडन किया है।

उनके नाम पर पुष्टि के लिए 49 के मुकाबले 51 वोट पड़े और अंतिम वोट शुक्रवार को होने की उम्मीद है। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चक शूमर ने अपने सहयोगियों से गंभीरता से सोचने का आग्रह किया और पूछा ‘‘क्या हेगसेथ वह सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं जो विश्व की सबसे बड़ी सेना का नेतृत्व कर सकते हैं?''

मुर्कोव्स्की ने कहा कि उनका व्यवहार सेना से अपेक्षित व्यवहार से ‘‘बिल्कुल विपरीत'' है। उन्होंने उनके पिछले बयानों पर भी ध्यान दिलाया कि जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाओं को सैन्य लड़ाकू भूमिकाएं नहीं निभानी चाहिए।

हेगसेथ ने पुष्टि प्रक्रिया के दौरान उन बयानों को लेकर रुख नरम करने की कोशिश की और अपना बचाव किया। कोलिंस ने कहा कि वह हेगसेथ की ‘‘साहसिक सैन्य सेवा तथा हमारे सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों के प्रति उनकी सतत प्रतिबद्धता की सराहना करती हैं, लेकिन मुझे इस बात की चिंता है कि उनके पास इस कार्य में सफल होने के लिए आवश्यक अनुभव और दृष्टिकोण नहीं है।''

हेगसेथ पर 2017 में एक महिला का यौन उत्पीड़न करने का भी आरोप है जिसे उन्होंने 50,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था। यह जानकारी उनके नाम की पुष्टि की प्रक्रिया के दौरान मैसाचुसेट्स से डेमोक्रेटिक पार्टी की सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन को दिए उनके जवाबों से मिली है।

हालांकि, हेगसेथ के वकील टिमोथी पारलाटोरे ने बृहस्पतिवार को महिला को दी गई रकम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हेगसेथ ने उस समय पुलिस को बताया था कि दोनों सहमति से मिले थे और उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया। उन्होंने पिछले सप्ताह अपने नाम की पुष्टि को लेकर सीनेट में सुनवाई के दौरान कहा था कि 2017 की घटना में उन पर ‘‘झूठा आरोप'' लगाया गया था और जांच में उन्हें पूरी तरह से निर्दोष करार दिया गया था।

रिपब्लिकन पार्टी के ज्यादातर सांसदों ने हेगसेथ के नाम का समर्थन करने का संकल्प जताया। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद बहुमत में हैं जिनकी संख्या 53 है। हालांकि मत संख्या बराबर रहने की स्थिति में उपराष्ट्रपति जे डी वेन्स को बुलाया जा सकता है।

अमेरिका में एफबीआई निदेशक के रूप में काश पटेल के नाम की पुष्टि के लिए 30 जनवरी को सुनवाई

अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अगले निदेशक के रूप में अपने नाम पर पुष्टि की सुनवाई के लिए काश पटेल 30 जनवरी को सीनेट समिति के समक्ष पेश होंगे। पटेल (44) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में नामित सर्वोच्च रैंक वाले भारतीय-अमेरिकी हैं।

अगर इस पद के लिए उनके नाम की पुष्टि हो जाती है तो वह सबसे शक्तिशाली अमेरिकी जांच एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय अमेरिकी होंगे। सीनेट न्यायपालिका समिति ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि ‘‘संघीय जांच ब्यूरो के निदेशक के रूप में कश्यप प्रमोद पटेल का नामांकन'' 30 जनवरी के लिए निर्धारित किया गया है।

पटेल क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे। पटेल को ट्रंप का वफादार समर्थक माना जाता है। पूर्व संघीय अभियोजक पटेल ने इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कहा, ‘‘मुझे अमेरिका के लिए सपने देखना बहुत पसंद है। मेरी कहानी बहुत सरल है, यह अनोखी है और आप में से कुछ लोग इसमें भागीदार हैं।''

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता पूर्वी अफ्रीका में जन्मे और पले-बढ़े। मेरे पिता ने 1970 के दशक में युगांडा में हुए नरसंहारकार और तानाशाही के बाद देश छोड़ दिया था, जहां उन्होंने अपने 3,00,000 देशवासियों की हत्या देखी थी और यह भी देखा था कि अगर संवैधानिक न्याय प्रणाली को तोड़ने की अनुमति दी गई तो अराजकता क्या कर सकती है।'' पटेल ने कहा, ‘‘मेरा नाम काश पटेल है और मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।''

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