मोहाली/चंडीगढ़/संगरूर, 27 जून (निस)
पेप्सू रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) और पंजाब रोडवेज ने मंगलवार को दो दिनों की हड़ताल शुरू की थी, लेकिन देर शाम मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हड़ताली कर्मियों को 10 जुलाई को बातचीत का न्योता दिया। इसके बाद यूनियन ने 28 जून को सीएम आवास के घेराव का कार्यक्रम रद्द कर दिया। उधर, मंगलवार को हड़ताल के चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। मालवा के संगरूर, बरनाला, मानसा, पटियाला, बठिंडा आदि जिलों में पीआरटीसी बस अड्डों के गेट बंद कर दिए गए। सुबह एक-दो बसें निकली, उसके बाद बस अड्डे के गेट बंद कर दिए गए। निजी बसें बाहर से चलती रहीं।
पीआरटीसी कॉन्ट्रेक्टर वर्कर्स यूनियन के राज्य उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह मनेश ने कहा कि हड़ताल के बारे में सरकार को पहले ही सूचित कर दिया गया था। यूनियन ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार पीआरटीसी में किलोमीटर स्कीम की बसों के टेंडर जारी कर विभाग का निजीकरण कर रही है, जिसका संगठन अन्य लंबित मांगों के साथ लगातार विरोध कर रहा है। अनुबंध पर कार्य कर रहे कर्मचारी राज्य सरकार से अपने वार्षिक वेतन में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने काले झंडे लहराते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए और चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा। यूनियन के सचिव गुरविंदर सिंह ने कहा कि राज्य में सभी 27 बस स्टैंड पर धरना दिया जा रहा है।
हड़ताल के कारण यात्री परेशान हुए। कई लोगों को प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं को हुई जिन्हें सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा है। पीआरटीसी डिपो के महाप्रबंधक ने दावा किया है कि निगम की ओर से ज्यादातर रूटों पर बसें चलाई गयीं।