PM मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने वार्ता की, रक्षा साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर
कोलंबो, 5 अप्रैल (भाषा)
Modi Sri Lanka visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच वार्ता के बाद भारत और श्रीलंका ने शनिवार को रक्षा सहयोग संबंधी महत्वाकांक्षी समझौते पर पहली बार हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
श्रीलंका के पूर्वी क्षेत्र में नयी दिल्ली की बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पहुंचाने के लिए एक और समझौता किया गया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना का भी डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। मोदी बैंकॉक की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद शुक्रवार शाम कोलंबो पहुंचे थे।
Glimpses from the ceremonial welcome in Colombo this morning.@anuradisanayake pic.twitter.com/88k2T1NN20
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025
उन्होंने बैंकॉक में बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। दिसानायके के साथ वार्ता से पहले, मोदी का श्रीलंका की राजधानी के मध्य में स्थित ऐतिहासिक ‘इंडीपेंडेंस स्क्वायर' (स्वतंत्रता चौक) पर औपचारिक स्वागत किया गया। किसी अन्य देश के नेता को यहां संभवत: पहली बार इस प्रकार सम्मानित किया गया है।
Addressing the press meet with President @anuradisanayake. https://t.co/yX4QG8WI4E
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दिसानायके ने ‘स्क्वायर' पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। ‘इंडीपेंडेंस स्क्वायर' राष्ट्रीय दिवस समारोहों का स्थल है। इसका नाम स्वतंत्रता स्मारक सभागार से लिया गया है जिसे 1948 में ब्रिटिश शासन से श्रीलंका की आजादी के उपलक्ष्य में बनाया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोलंबो के ‘इंडीपेंडेंस स्क्वायर' पर भव्य स्वागत किया।''
It is a matter of immense pride for me to be conferred the 'Sri Lanka Mitra Vibhushana' by President Dissanayake today. This honour is not mine alone - it is a tribute to the 1.4 billion people of India. It symbolises the deep-rooted friendship and historic ties between the… pic.twitter.com/UBQyTMoJ27
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अधिकारियों ने कहा कि यह पहला मौका है जब किसी अन्य देश के नेता का ‘स्क्वायर' पर इस तरह से स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में यह यात्रा की है जब श्रीलंका आर्थिक संकट से उबरने के संकेत दे रहा है। श्रीलंका तीन साल पहले बड़े आर्थिक संकट में घिर गया था और भारत ने उसे 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी।
मोदी का बाद में आईपीकेएफ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने का भी कार्यक्रम है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने ‘पीटीआई-भाषा' से साक्षात्कार में कहा कि श्रीलंका को भारत द्वारा दी गई सहायता दुनिया के किसी भी देश को दी गई भारतीय सहायता के संदर्भ में ‘‘अभूतपूर्व'' है। झा ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ी सहायता थी और हम विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए श्रीलंका के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसकी यहां बहुत सराहना की जाती है।''
श्रीलंका ने प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया मित्र विभूषण पुरस्कार
मोदी को शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के लिए ‘मित्र विभूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया। श्रीलंका का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जिसकी शुरुआत फरवरी 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने की थी।
इससे पहले ये पुरस्कार मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम और दिवंगत फलस्तीनी नेता यासिर अराफात को प्रदान किया जा चुका है। मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘राष्ट्रपति दिसानायके द्वारा श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह 1.4 अरब भारतीयों के लिए भी सम्मान की बात है।''
दिसानायके ने कोलंबो स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में आयोजित एक समारोह के दौरान मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया। इसमें एक प्रशस्ति पत्र और एक रजत पदक प्रदान किया जाता है। रजत पदक को गले में पहना जाता है तथा उस पर नौ प्रकार के श्रीलंकाई रत्न लगे होते हैं साथ ही कमल, ग्लोब, सूर्य, चंद्रमा और चावल के ढेर के प्रतीक अंकित होते हैं। पदक पर अंकित धर्म चक्र साझी बौद्ध विरासत को दर्शाता है जिसने दोनों देशों की सांस्कृतिक परंपराओं को आकार दिया है।
एक अधिकारी के अनुसार, चावल के ढेरों से सजा पुन कलश या औपचारिक बर्तन समृद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक है। नवरत्न या नौ कीमती रत्नों को कमल की पंखुड़ियों से घिरे एक ग्लोब के भीतर दर्शाया गया है। मोदी बैंकॉक की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद कल शाम कोलंबो पहुंचे, जहां उन्होंने बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन में भाग लिया।