Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Modi in America: मोदी ने कहा- स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी प्राथमिकता

प्रधानमंत्री ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, हम किसी के खिलाफ नहीं
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी। फोटो स्रोत पीएम के एक्स अकाउंट से
Advertisement

विलमिंगटन (अमेरिका), 22 सितंबर (भाषा)

Modi in America: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि यह नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान के पक्ष में है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को शिखर सम्मेलन में कहा, 'स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी प्राथमिकता है।'

Advertisement

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, 'हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के समर्थन में हैं।'

प्रधानमंत्री का परोक्ष रूप से इशारा चीन की ओर था। चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में कई देशों से विवाद है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है वहीं वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारा संदेश स्पष्ट है कि क्वाड कायम रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।'

उन्होंने कहा, ' हमने मिलकर स्वास्थ्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन, क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक एवं समावेशी पहल की हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'क्वाड के नेता ऐसे समय में एकत्र हुए हैं जब पूरी दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है। ऐसे समय में क्वाड का अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मिलकर काम करना पूरी मानव जाति के लिए अहम है।'

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ' डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान सदस्य नेताओं से मिलकर खुशी हुई। चर्चाएं सार्थक रहीं। बैठक में इस बात पर ध्यान दिया गया कि क्वाड वैश्विक भलाई के लिए कैसे काम करना जारी रख सकता है। हम स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और क्षमता निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मिलकर काम करते रहेंगे।'

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि बैठक में शीर्ष नेताओं ने दक्षिण-पूर्व एशिया, प्रशांत द्वीप समूह और दक्षिण एशिया में साझेदारों के साथ सहयोग करने के नये तरीकों पर चर्चा की, साथ ही इस बारे में भी विचार-विमर्श किया कि क्वाड भविष्य में कैसे सहयोग करता रहेगा।

अधिकारी ने इस बातचीत को ‘व्यापक' करार देते हुए कहा कि बैठक में सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा क्षेत्र को मजबूत करने, क्वाड लॉजिस्टिक्स नेटवर्क, मानवीय सहायता और आपदा के दौरान सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई। अधिकारी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बैठक के दौरान उत्तर कोरिया से संबंधित मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

अधिकारी ने कहा,, ‘उत्तर कोरिया के संबंध में हमारे दृष्टिकोण में काफी समानता है।' उन्होंने कहा, ‘ये साफ तौर पर जाहिर है कि क्वाड के सभी नेता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि रूस द्वारा दी जा रही सैन्य सहायता से उत्तर कोरिया किस हद तक प्रोत्साहित हो रहा है और इससे वह अपनी अवैध गतिविधियों में भी आगे बढ़ रहा है।'

क्वाड' (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के नेताओं की बैठक के बाद संयुक्त रूप से जारी एक घोषणा पत्र में कहा गया कि चार देशों का यह समूह अच्छे मकसद से बनाया गया है और रणनीतिक रूप से पहले से कहीं अधिक एकजुट है। इसमें कहा गया, 'प्रधानमंत्री ने फिर से स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए क्वाड सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जताई।

क्वाड क्षेत्र की विकास प्राथमिकताओं में मदद करना जारी रखेगा और और सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन में तेजी लाएगा।' नेताओं ने ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट' की घोषणा की, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जीवन बचाने के लिए एक अभूतपूर्व साझेदारी है। इसमें कहा गया है, 'कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान क्वाड की सफल साझेदारी, क्षेत्र में कैंसर की समस्या से निपटने के लिए हमारे सामूहिक निवेश, हमारी वैज्ञानिक एवं चिकित्सकीय क्षमताओं तथा हमारे निजी एवं गैर-लाभकारी क्षेत्रों के योगदान के आधार पर हम क्षेत्र में कैंसर के बोझ को कम करने के लिए साझेदार देशों के साथ सहयोग करेंगे।'

शुरुआत में ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट' का ध्यान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सर्विकल कैंसर से निपटने पर केंद्रित होगा। साथ ही अन्य प्रकार के कैंसर से निपटने के लिए आधार तैयार किया जाएगा। भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को 75 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य के सर्विकल कैंसर टीके, ‘ह्यूमन पेपिलोमावायरस' (एचपीवी) किट और जांच किट उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुदान की घोषणा करते हुए कहा कि यह अनुदान भारत के ‘वन अर्थ, वन हेल्थ' (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य) के दृष्टिकोण के तहत दिया गया है। भारत, विश्व स्वास्थ्य संगठन की डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल के लिए एक करोड़ अमेरिकी डॉलर की अपनी प्रतिबद्धता के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के इच्छुक देशों को अपनी उस डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को अपनाने और लागू करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, जो कैंसर की जांच और देखभाल में मदद करती है।

‘क्वाड' राष्ट्रों ने हिंद-प्रशांत में प्रशिक्षण के लिए एक नयी क्षेत्रीय समुद्री पहल (मैत्री) की घोषणा की, ताकि क्षेत्र में उनके साझेदार हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता (आईपीएमडीए) और ‘क्वाड' के साझेदारों की अन्य पहलों के माध्यम से प्रदान किए गए उपकरणों का अधिकतम लाभ उठा सकें जिसकी मदद से वे अपने जलक्षेत्र की निगरानी एवं सुरक्षा कर सकें, अपने कानूनों को लागू कर सकें और गैरकानूनी व्यवहार को रोक सकें।

घोषणापत्र में कहा गया है, 'हम 2025 में भारत की मेजबानी में पहली ‘मैत्री' कार्यशाला को लेकर उत्सुक हैं। इसके अलावा, हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए ‘क्वाड' समुद्री कानूनी वार्ता की शुरुआत का स्वागत करते हैं। ‘क्वाड' साझेदार आगामी वर्ष में आईपीएमडीए में नयी तकनीक और डेटा जोड़ने के इच्छुक हैं ताकि क्षेत्र को अत्याधुनिक क्षमता और जानकारी प्रदान करना जारी रखा जा सके।'

‘क्वाड' राष्ट्रों ने यह भी घोषणा की कि अमेरिकी तटरक्षक बल, जापान तटरक्षक बल, ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल और भारतीय तटरक्षक बल 2025 में पहली बार ‘क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन' शुरू करने की योजना बना रहे हैं, ताकि अंतर-संचालन क्षमता में सुधार हो, समुद्री सुरक्षा मजबूत हो सके और भविष्य के वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अन्य मिशन जारी रखे जा सकें।'

उन्होंने चारों देशों के बीच हवाई मार्ग के जरिए लोगों और वस्तुओं को लाने-ले जाने की साझा क्षमता बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कार्रवाई को तेज करने के मकसद से साजो-सामान संबंधी सामूहिक ताकत का लाभ उठाने के लिए ‘क्वाड इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क पायलट' परियोजना की शुरुआत की घोषणा की।

घोषणा पत्र में क्षेत्रीय भागीदारों के सहयोग से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बंदरगाह संबंधी टिकाऊ और लचीले बुनियादी ढांचे के विकास के लिए समूह की विशेषज्ञता का लाभ उठाने हेतु ‘क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर पार्टनरशिप' की घोषणा करते हुए कहा गया कि सदस्य देशों की मुंबई में भारत की मेजबानी में एक क्वाड क्षेत्रीय बंदरगाह और परिवहन सम्मेलन आयोजित करने की इच्छा है।

संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, 'इस नयी साझेदारी के जरिए ‘क्वाड' साझेदार देश समन्वय करना, सूचनाओं का आदान-प्रदान करना, क्षेत्र में साझेदारों के साथ सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बंदरगाह संबंधी बुनियादी ढांचे में सरकारी और निजी क्षेत्र के निवेश को जुटाने के लिए संसाधनों का लाभ उठाना चाहते हैं।'

अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया, 'सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री किशिदा को उनके असाधारण कार्यकाल के लिए धन्यवाद दिया। उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है क्योंकि जापान में अक्टूबर में प्रधानमंत्री पद का चुनाव होना है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में क्वाड को एक संस्थागत साझेदार बनाने में बाइडेन के नेतृत्व के लिए उनका धन्यवाद दिया।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं आपकी दृढ़ प्रतिबद्धता, आपके नेतृत्व और क्वाड में आपके योगदान के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।'

Advertisement
×