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मोदी ब्रिटेन दौरे पर, मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर आज

भारत और ब्रिटेन बृहस्पतिवार को लंदन में एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे चमड़ा, जूते और कपड़ों जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों का रियायती दरों पर निर्यात संभव होगा, जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता हो...
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भारत और ब्रिटेन बृहस्पतिवार को लंदन में एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे चमड़ा, जूते और कपड़ों जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों का रियायती दरों पर निर्यात संभव होगा, जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता हो जाएगा। यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद करेगा। आधिकारिक तौर पर एक व्यापक आर्थिक और व्यापार करार कहे जाने वाले इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के उनके समकक्ष कीर स्टार्मर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाएंगे।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स इस समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके बाद, इसके लागू होने से पहले ब्रिटिश संसद की मंजूरी लेनी होगी। इस प्रक्रिया में लगभग एक साल लग सकता है। मोदी बुधवार को ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए।

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दोनों देशों ने छह मई को व्यापार समझौते के लिए वार्ता के समापन की घोषणा की थी। इस समझौते में वस्तुओं, सेवाओं, नवाचार, सरकारी खरीद और बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) जैसे मुद्दे शामिल हैं। दोनों देशों ने दोहरे अंशदान सम्मेलन समझौते, या सामाजिक सुरक्षा समझौते पर बातचीत भी पूरी कर ली है।

इससे ब्रिटेन में सीमित अवधि के लिए काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा कोष में दोहरे अंशदान से बचने में मदद मिलेगी। ऐसे व्यापार समझौतों में, दोनों देश परस्पर व्यापार वाली अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क या तो समाप्त कर देते हैं या उसमें उल्लेखनीय कमी कर देते हैं। ये समझौते सेवाओं और द्विपक्षीय निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के मानदंडों को भी आसान बनाते हैं।

99 फीसदी भारतीय निर्यात होगा शुल्क मुक्त

समझौते के तहत, 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को ब्रिटेन के बाजार में शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा। समझौते के मुख्य प्रस्तावों में एक कोटा के तहत ब्रिटिश ‘व्हिस्की’ और ‘जिन’ पर आयात शुल्क 150 से घटाकर 75 प्रतिशत करना और फिर समझौते के 10 वर्षों तक इसे घटाकर 40 प्रतिशत करना शामिल है; वाहन शुल्क को 100 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जाएगा। आयात शुल्क में कमी से बाजार खुल सकते हैं और कारोबारियों तथा भारतीय उपभोक्ताओं के लिए व्यापार सस्ता हो सकता है। ऐसे अन्य सामान में सौंदर्य प्रसाधन, एयरोस्पेस, चिकित्सा उपकरण, सैल्मन (मछली), विद्युत मशीनरी, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट और बिस्कुट शामिल हैं। इससे घरेलू श्रम-प्रधान क्षेत्रों, जैसे- वस्त्र, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खेल के सामान और खिलौने, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, वाहन कलपुर्जे और इंजन तथा कार्बनिक रसायन के लिए निर्यात के अवसर खुलेंगे। वित्त वर्ष 2024-25 में ब्रिटेन को भारत का निर्यात 12.6 प्रतिशत बढ़कर 14.5 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 2.3 प्रतिशत बढ़कर 8.6 अरब डॉलर का हुआ।

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