Legal Aid Punjab पंजाब की जेलों में न्याय की नई रोशनी: PULSA ने 406 कैदियों के लिए दायर की अपीलें
सौरभ मलिक/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 जुलाई
पंजाब की जेलों में वर्षों से कानूनी मदद से वंचित कैदियों को अब न्याय की दिशा में ठोस राह मिल रही है। पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (PULSA) ने ऐसे 406 सजायाफ्ता कैदियों की ओर से हाईकोर्ट में आपराधिक अपीलें दायर कर दी हैं, जो अब तक बिना वकील के न्याय की प्रतीक्षा में थे।
यह पहल सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सूर्यकांत की देखरेख में देशव्यापी ‘मिशन मोड’ अभियान के तहत हो रही है। पंजाब में यह अभियान “Mission Mode Punjab” के रूप में सक्रिय है, जिसे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु (PULSA के संरक्षक) और जस्टिस दीपक सिब्बल (PULSA के कार्यकारी अध्यक्ष) नेतृत्व दे रहे हैं।
406 अपीलें दायर, बाकी प्रक्रिया में
PULSA ने राज्यभर की जेलों में 460 ऐसे सजायाफ्ता कैदियों की पहचान की, जिन्हें कानूनी सहायता का अधिकार तो मिला, लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया। इनमें से 406 के लिए अब तक आपराधिक अपीलें दायर हो चुकी हैं। शेष मामलों पर काम जारी है। न्यायमूर्ति सिब्बल ने कहा कि यह एक बार की कार्रवाई नहीं, बल्कि सतत प्रक्रिया है, ताकि न्याय केवल सुलभ ही नहीं, बल्कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंच सके।
जेल से सीधे जुड़ाव की पहल
PULSA और हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति ने कैदी और वकील के बीच सीधी बातचीत के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा हेतु एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) विकसित की है। इस SOP के तहत नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है ताकि कोई कैदी लॉजिस्टिक बाधाओं के चलते न्याय से वंचित न रह जाए।
‘पेपर बुक्स’ तैयार, अदालत में भेजे गए
इन अपीलों के लिए जरूरी दस्तावेजों के संकलन—पेपर बुक्स—PULSA ने तैयार कर हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति को सौंप दिए हैं, जिससे मामले शीघ्र गति पकड़ सकें।
समानांतर पहल : ‘मिशन पैरोल सहायता अभियान’
इसके साथ ही PULSA ने ‘Mission Parole Sahayata Abhiyan’ भी शुरू किया है, जिसके तहत जेलों में मौजूद लीगल एड क्लीनिक पैरोल के पात्र कैदियों की पहचान कर उन्हें आवेदन, अपील और रिट याचिका दाखिल करने में सहायता दे रही हैं। इस अभियान का उद्देश्य है—पैरोल जैसी राहतों को केवल फाइलों तक सीमित न रहने देना।
न्याय अब सिर्फ अधिकार नहीं, वास्तविक पहुंच बन रहा है
PULSA का यह प्रयास एक महत्वपूर्ण संदेश देता है—न्याय केवल सुलभ नहीं, बल्कि प्रभावी और मानवोचित होना चाहिए। यह पहल उन अनगिनत कैदियों के लिए न्याय की लौ है, जो अब तक चुप्पी और व्यवस्था की जटिलता के बीच खोए हुए थे।