Kolkata Doctor Rape Murder Case: आज राष्ट्रपति से मिल सकते हैं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) Kolkata Doctor Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस सोमवार रात दिल्ली पहुंचे और अटकलें हैं कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। कोलकाता के आर.जी....
नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा)
Kolkata Doctor Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस सोमवार रात दिल्ली पहुंचे और अटकलें हैं कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना की जांच में गड़बड़ी और मामले को दबाने के आरोपों के बाद पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं और पूरे देश में चिकित्सकों ने हड़ताल कर दी है।
राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को अस्पताल का दौरा किया था और प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर से बात की और उन्हें न्याय का आश्वासन दिया था। बोस के मंगलवार को दिल्ली में मुर्मू से मिलने की संभावना है।
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की सरकार से बातचीत बेनतीजा
कोलकाता में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म करने और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में दिल्ली में जारी हड़ताल के आठवें दिन सोमवार को चिकित्सकों ने यहां निर्माण भवन में स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर सड़क पर मुफ्त बाह्य रोगी (ओपीडी) सेवाएं देकर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, सरकार के साथ वार्ता बेनजीता रही। प्रदर्शनकारी चिकित्सक ऑर्थो ओपीडी, न्यूरोलॉजी ओपीडी और मनोचिकित्सा ओपीडी जैसे अपने नाम लिखे कागज लेकर सड़क पर बैठ गए।
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल जारी रहेगी। उसने कहा कि चिकित्सकों के एक प्रतिनिधिमंडल और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के बीच सोमवार को हुई बैठक में कोई हल नहीं निकला। उन्होंने कहा, 'हम इस मामले में आगे के निर्देश के लिए अब उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।'
शीर्ष अदालत मंगलवार को मामले की स्वत: सुनवाई करेगी। संघ के अध्यक्ष रोहन कृष्णन ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'हम महिला चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि वे फिर से अस्पतालों में बिना डरे काम कर सकें और पीड़ितों को न्याय मिल सके।'
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के बारे में कृष्णन ने कहा, 'हम सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में हमने देखा कि मरीजों की अनदेखी हो रही है। इसका दुख हमें भी है।' उन्होंने कहा, 'अस्पताल की सभी आपातकालीन सेवाएं चालू हैं और संकाय सदस्य तथा चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। इसलिए हमने यहीं से ओपीडी संचालित करने का फैसला किया, ताकि हम जरूरतमंद लोगों का इलाज कर सकें।'
उन्होंने कहा कि 'इस दौरान कोई भी मरीज नहीं आया।' मरीजों की जांच करने के लिए सड़क पर बैठे एक चिकित्सक ने कहा, 'अस्पताल में कोई सुरक्षित नहीं है। कम से कम यहां हमारे आसपास पुलिस है, इसलिए हम यहां मरीजों का इलाज कर सकते हैं। हमारे पास खुद के लिए लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है क्योंकि कोई भी हमें सहानुभूति और आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है।'
सोमवार को, लगभग 300 से 400 लोग निर्माण भवन में एकत्र हुए। उनके हाथ में झंडे और तख्तियां थीं तथा उन्होंने लाल और काले रंग से रंगे सफेद ‘एप्रन' पहन रखे थे। इस बीच, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार को इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, 'पूरे बंगाल में डॉक्टर बिटिया से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में ममता बनर्जी सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता को लेकर लोगों का आक्रोश चरम पर है, लेकिन सरकार जवाब देने के बजाय बेशर्मी से विरोध को कुचलने और आवाज उठाने वालों को धमकाने में लगी है।'
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा, 'अब तो खुद तृणमूल के नेता और सांसद अपनी ही सरकार पर उंगली उठाने लगे हैं। गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय का भी जिम्मा सम्भाल रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में यदि थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।'