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Jammu-Kashmir Result 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मनोनीत सदस्य बन सकते हैं किंग मेकर

उपराज्यपाल कुल पांच सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं जिनके पास अन्य विधायकों के समान शक्तियां होंगी
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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की फाइल फोटो। पीटीआई
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जम्मू, 7 अक्तूबर (भाषा)

Jammu-Kashmir Result 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाले पांच सदस्य केंद्र शासित प्रदेश में सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह जानकारी सूत्रों ने सोमवार को दी। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सरकार गठन से पहले पांच सदस्यों को मनोनीत किए जाने का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही।

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जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 और 2023 में इसमें किए गए संशोधन के तहत उपराज्यपाल कुल पांच सदस्यों को विधानसभा में मनोनीत कर सकते हैं जिनके पास अन्य विधायकों के समान शक्तियां और मतदान का अधिकार होगा।

उपराज्यपाल को पांच सदस्य नियुक्त करने का अधिकार

उपराज्यपाल दो महिला सदस्यों, विस्थापित कश्मीरी समुदाय की एक महिला समेत दो सदस्यों तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विस्थापित समुदाय के एक सदस्य को विधानसभा में मनोनीत कर सकते हैं। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले पांच विधायकों को मनोनीत करने पर पहले ही कड़ा विरोध जताया है और ऐसे किसी भी कदम को लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला बताया है।

विपक्ष ने किया विरोध

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने शुक्रवार को कहा, “ हम जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों को मनोनीत करने का विरोध करते हैं। ऐसा कोई भी कदम लोकतंत्र, जनादेश और संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला है।” नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार विधानसभा में पांच सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार उपराज्यपाल को देने की दिशा में आगे बढ़ती है तो उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

अब्दुल्ला ने सोमवार को श्रीनगर में कहा, “उपराज्यपाल को सबसे पहले इस प्रक्रिया से दूर रहना चाहिए क्योंकि सरकार बन रही है। लोगों को मनोनीत करना और उसे उपराज्यपाल के पास भेजना सरकार का काम है। यह सामान्य प्रक्रिया है।” उन्होंने कहा, “वे क्या करना चाहते हैं, मुझे नहीं पता। लेकिन अगर वे ऐसा करते हैं (उपराज्यपाल को अधिकार देते हैं) तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। अगर ‘लॉर्ड साहब' यहीं रहेंगे तो सरकार बनाने का क्या मतलब है? हमें इन सबके खिलाफ लड़ना है।”

पीडीपी ने कहा- यह परिणाम पूर्व धांधली है

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि उपराज्यपाल को विधानसभा में पांच सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार देना चुनावों में “परिणाम पूर्व धांधली” है। मुफ्ती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, “उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत सभी पांच विधायक भाजपा के सदस्य हैं या पार्टी से जुड़े हैं। नतीजों से पहले की गई बेशर्मी भरी धांधली और शर्मनाक हेरफेर।”

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में संख्या बल 95 हो जाएगा

सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा के पांच मनोनीत सदस्य नयी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह के आधार पर इन सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं। अगर सरकार गठन के लिए पांच सदस्यों को मनोनीत किया जाता है, तो जम्मू-कश्मीर विधानसभा में संख्या बल 95 हो जाएगा, जिससे सरकार बनाने के लिए बहुमत की सीमा 48 सीटों तक बढ़ जाएगी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा पुडुचेरी विधानसभा की तर्ज पर

जम्मू-कश्मीर विधानसभा पुडुचेरी विधानसभा की तर्ज पर बनाई गई है, जहां तीन मनोनीत सदस्य निर्वाचित विधायकों के समान कार्य करते हैं और उन्हें मतदान का अधिकार होता है। पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी द्वारा तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार से परामर्श किए बिना केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा में दो सदस्यों को मनोनीत करने के फैसले को 2017-2018 में मद्रास हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। पुडुचेरी सरकार ने दलील दी थी उपराज्यपाल को विधायकों को मनोनीत करने से पहले मुख्यमंत्री से परामर्श करना चाहिए था, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे बरकरार रखा और उसे उपराज्यपाल के फैसले में कुछ भी अवैधता नहीं मिली।

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