Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Maharashtra Politics: फडणवीस ने ताजा की पुरानी यादें, बताया 2014 में क्यों टूटा था भाजपा-शिवसेना गठबंधन

BJP Shiv Sena alliance: सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बताया
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

मुंबई, 25 मार्च (भाषा)

BJP Shiv Sena alliance: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के बीच संबंध पहली बार 2014 में उस समय टूटे थे, जब शिवसेना ने 147 सीट के प्रस्ताव के बजाय 151 सीट पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया था।

Advertisement

फडणवीस ने सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर के सम्मान में सोमवार रात आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा ने तब 127 सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी और वह शिवसेना को 147 सीट (288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव के लिए) देने को तैयार थी। माथुर 2014 में भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रभारी थे।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमने शिवसेना को 147 सीट पर चुनाव लड़ने का अंतिम प्रस्ताव दिया था और हमने 127 सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था, जबकि हमारा मानना ​​था कि हम 200 से अधिक सीट जीतेंगे। (योजना थी कि) शिवसेना के पास मुख्यमंत्री का पद होगा, जबकि भाजपा के पास उपमुख्यमंत्री पद होगा।''

फडणवीस ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘हमें बताया गया कि ‘युवराज' ने 151 सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है और वे उस संख्या से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।''

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उस समय नियति ने उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की योजना बनाई थी। फडणवीस ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के साथ हुई बातचीत को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अमित शाह से बात की और उनसे कहा कि हमारे साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। मुझे, शाह और माथुर को भरोसा था कि हम 2014 के विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दे सकते हैं।'' फडणवीस की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता एवं सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि बहुत सी बातें हुई थीं।

उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने शिवसेना के साथ संबंध तोड़ने की योजना पहले ही बना ली थी। राउत ने कहा, ‘‘हर सीट पर 72 घंटे तक चर्चा चली। उस समय ओम माथुर (भाजपा की) महाराष्ट्र इकाई के प्रभारी थे। मैं ईमानदारी से स्वीकार करूंगा कि फडणवीस शिवसेना के साथ गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में थे। वह गठबंधन चाहते थे लेकिन यह इसलिए टूट गया क्योंकि पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ऐसा चाहते थे।''

दोनों दलों ने 2014 का राज्य विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था लेकिन चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा से हाथ मिला लिया था। उस समय फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई गई थी।

भाजपा और शिवसेना (तब अविभाजित) 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर फिर से अलग हो गए। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों के एक वर्ग द्वारा 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किए जाने के बाद शिवसेना विभाजित हो गई।

Advertisement
×