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Explainer: गर्मियों में ओलावृष्टि असामान्य बात नहीं, अगले 7 दिन तक जारी रह सकता है बारिश का सिलसिला

विजय मोहन/ट्रिन्यू, चंडीगढ़, 6 मई Weather Updates: उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में बीते कुछ दिनों से तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक ऐसी स्थिति बने रहने की संभावना...
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शिमला में बारिश से बचने का प्रयास करता एक व्यक्ति। पीटीआई फोटो
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विजय मोहन/ट्रिन्यू, चंडीगढ़, 6 मई

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Weather Updates: उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में बीते कुछ दिनों से तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक ऐसी स्थिति बने रहने की संभावना जताई है।

पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में पिछले 24 घंटों के दौरान तेज हवाओं (40-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार) और गरज-चमक के साथ बारिश हुई। गत दिवस भी कुछ इलाकों में मध्यम बारिश दर्ज की गई। इससे तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है।

हालांकि गर्मियों में तापमान अधिक रहता है, फिर भी ओलावृष्टि असामान्य नहीं है। ओले वास्तव में जमे हुए वर्षा की बूंदें होती हैं, जिनका आकार कुछ मिलीमीटर से लेकर कई सेंटीमीटर तक हो सकता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, देश में ओलावृष्टि मुख्यतः मार्च से जून के बीच प्री-मानसून पश्चिमी विक्षोभों के कारण होती है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब इस मौसम में सबसे अधिक ओलावृष्टि की चपेट में आते हैं।

आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक 1982 से अब तक पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में फरवरी से मई के बीच हर साल कम से कम एक ओलावृष्टि की घटना दर्ज की गई है। हिमाचल में एक महीने में अधिकतम 13 बार और पंजाब में 8 बार ओलावृष्टि दर्ज की गई है।

ओले बनने के लिए मजबूत ऊपर की ओर उठती हवाओं और वायुमंडल में जमी बर्फ की ऊंचाई में कमी की आवश्यकता होती है। ये ओले आमतौर पर क्युमुलोनिंबस नामक बादलों में बनते हैं, जो 52,000 फीट तक ऊंचाई तक जा सकते हैं।

ओले ठोस होते हैं और तेज गति से गिरते हैं, जिससे जान-माल को नुकसान हो सकता है। खेतों में खड़ी फसलों और बागवानी को भी भारी नुकसान पहुंचता है। इतिहास में भारत में सबसे भीषण ओलावृष्टि अप्रैल 1888 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुई थी, जिसमें 246 लोगों और 1600 मवेशियों की मौत हुई थी। उस समय ओले क्रिकेट गेंद जितने बड़े थे।

बांग्लादेश के गोपालगंज जिले में अप्रैल 1986 में अब तक का सबसे भारी ओला गिरा था, जिसका वजन 1.02 किलोग्राम था, जबकि अमेरिका के साउथ डकोटा में जुलाई 2010 में सबसे बड़े व्यास वाला (20 सेमी) ओला दर्ज किया गया था।

आईएमडी की 5 मई की बुलेटिन के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के मध्य भागों, पंजाब और उत्तर-पश्चिम राजस्थान में सक्रिय है। साथ ही ऊपरी व निचली वायुमंडलीय स्तरों पर चक्रवाती परिसंचरण भी बना हुआ है, जिससे यह बारिश और ओलावृष्टि हो रही है।

मौसम विभाग ने 11 मई तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में गरज-चमक, बिजली गिरने, तेज हवाओं और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। अगले चार दिनों तक अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है।

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