Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

दीपांकर भट्टाचार्य बोले- INDIA गठबंधन ने बिहार में टिकट बंटवारे में गलतियां कीं

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) INDIA Ticket Distribution: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' का बिहार में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा क्योंकि उसने ‘‘कुछ गलतियां कीं'' जिसमें टिकट...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
दीपांकर भट्टाचार्य। वीडियो ग्रैब
Advertisement

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा)

INDIA Ticket Distribution: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' का बिहार में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा क्योंकि उसने ‘‘कुछ गलतियां कीं'' जिसमें टिकट बंटवारा भी शामिल है।

Advertisement

भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए एक साक्षात्कार में इस बात से इनकार नहीं किया कि चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के पीछे ‘‘नीतीश कुमार फैक्टर'' भी एक वजह रहा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) राज्य में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दलों के साथ ‘महागठबंधन' में शामिल रही थी।

जद(यू) विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' में भी शामिल रहा था। लेकिन जद(यू)2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गया।

भाजपा और राजग में शामिल दलों--जद(यू), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतीं, जबकि ‘इंडिया' को नौ सीट पर ही जीत मिली। वहीं, एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने जीत दर्ज की।

भाकपा (माले) के नेता भट्टाचार्य ने कहा कि पूर्णिया में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की क्योंकि राजद ने कांग्रेस को सीट देने से इनकार कर दिया था। भट्टाचार्य ने कहा कि भाकपा (माले) ने सीवान सीट की मांग की थी लेकिन राजद ने वहां से चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रही और यह सीट जद (यू) ने जीती। भाकपा (माले) ने आरा और काराकाट दो सीट पर जीत हासिल की है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ गलतियों का शायद व्यापक असर हुआ। इसका असर कई सीट पर पड़ा। पूर्णिया का ही उदाहरण लीजिए, पप्पू यादव यह सीट जीतने में कामयाब रहे। लेकिन यह अकल्पनीय है कि इस तरह के ध्रुवीकृत चुनाव में राजद के आधिकारिक उम्मीदवार को 30,000 से भी कम वोट मिले।''

Advertisement
×