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Delhi Election Result: क्या रहे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के 6 प्रमुख कारण, यहां पढ़ें

Delhi Election Result: 2020 के चुनावों में AAP ने 62 सीटें जीती थीं, जबकि BJP केवल 8 सीटों पर सिमट गई थी
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शनिवार को नई दिल्ली में AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर वीरानी छाई रही। ट्रिब्यून फोटो
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चंडीगढ़, 8 जनवरी (ट्रिन्यू)

Delhi Election Result:  दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 48 सीटों पर आगे है, जबकि AAP महज 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। 2020 के चुनावों में AAP ने 62 सीटें जीती थीं, जबकि BJP केवल 8 सीटों पर सिमट गई थी। लेकिन इस बार हालात पूरी तरह बदल गए हैं। आइए जानते हैं कि AAP की हार के पीछे कौन-कौन से प्रमुख कारण रहे।

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सत्ता विरोधी लहर (Anti-Incumbency)

AAP ने 2015 और 2020 में जबरदस्त जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार जनता का मूड बदला हुआ दिखा। AAP लगातार यह दावा करती रही कि केंद्र सरकार उसके काम में अड़चन डाल रही है, लेकिन जनता ने इस तर्क को नकार दिया। लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया और बीजेपी को सत्ता देने का फैसला किया।

‘मोदी की गारंटी’ बनी गेम चेंजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी ‘मोदी की गारंटी’ वाली रणनीति ने चुनाव में बड़ा असर डाला। दिल्ली की जनता ने इस गारंटी को स्वीकार करते हुए भाजपा को समर्थन दिया।

'शीश महल' विवाद

बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के करोड़ों रुपये के नवीनीकरण को मुद्दा बनाया। CAG रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्य का प्रारंभिक अनुमान 7.91 करोड़ रुपये था, जो बाद में 33.66 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। AAP ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा, लेकिन जनता ने इस मुद्दे पर बीजेपी का साथ दिया।

वादाखिलाफी से नाराज जनता

अरविंद केजरीवाल खुद को ईमानदार और VIP संस्कृति के खिलाफ नेता बताते थे, लेकिन जब उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और उन्होंने सरकारी बंगले व सुरक्षा सुविधाएं अपनाईं, तो जनता ने इसे वादाखिलाफी के रूप में देखा। इस विरोधाभास ने AAP की छवि को नुकसान पहुंचाया।

शराब नीति मामला

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में AAP के शीर्ष नेता—अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में रहे। हालांकि वे जमानत पर बाहर आकर चुनाव प्रचार में जुटे, लेकिन जनता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और AAP से किनारा कर लिया।

यमुना जल प्रदूषण पर फेल हुआ AAP का आरोप

केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार जानबूझकर यमुना में जहर घोल रही है। लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस दावे को खारिज कर दिया। इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने AAP पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी, जिससे AAP की स्थिति और कमजोर हो गई।

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