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BRICS summit: पीएम मोदी ने कहा- अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा

पुतिन ने वैश्विक नेताओं की मेजबानी की, वित्तीय सहयोग और ब्रिक्स के विस्तार पर चर्चा की संभावना
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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। पीटीआई फोटो
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कजान, 23 अक्टूबर (एजेंसी)

BRICS summit: ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद की ओर सदस्य देशों का ध्यान खींचा। पीएम मोदी ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा।

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मोदी ने कहा, हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स एक विभाजनकारी समूह नहीं, बल्कि एक जनहित समूह है। मेरा मानना ​​है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ' के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। विभिन्न विचारों और विचारधाराओं के समागम से बना ब्रिक्स आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए।

ब्रिक्स एक ऐसा संगठन है जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छाशक्ति रखता है। हमें पूरी दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश करना चाहिए और वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए सर्वसम्मति से अपनी आवाज उठानी चाहिए।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अन्य देशों के नेताओं की मेजबानी की। ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन को रूस द्वारा पश्चिमी देशों की ताकत को चुनौती देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

पुतिन ने बुधावर को ब्रिक्स की बैठक की शुरुआत में अपने एजेंडे के हिस्से के रूप में वित्त क्षेत्र में सहयोग के बढ़ते दायरे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल होने वाले देश क्षेत्रीय संघर्षों सहित कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तथा अन्य देशों को शामिल कर समूह के विस्तार पर भी चर्चा करेंगे।

पुतिन ने कहा, ‘‘विश्व पटल पर ब्रिक्स की रणनीति वैश्विक समुदाय के मुख्य हिस्से के प्रयासों की पुष्टि करती है। इसे ही तथाकथित वैश्विक बहुलता कहा जाता है।'' ब्रिक्स की शुरुआत में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य थे हालांकि अब इसके दायरे को बढ़ाकर समूह में ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब को शामिल किया गया है।

इसके अलावा तुर्किये, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है तथा कई अन्य देशों ने इसमें शामिल होने में रुचि दिखाई है। कजान शहर में ब्रिक्स के तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में 36 देशों के नेता शिरकत कर रहे हैं।

यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई को लेकर उसे अलग-थलग करने के अमेरिका के प्रयासों की विफलता को भी सम्मेलन के जरिए सामने लाने का प्रयास है।

रूस ने ब्रिक्स को विदेश नीति पर आयोजित ‘‘अब तक का सबसे बड़ा आयोजन'' बताया है। शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले पुतिन से मंगलवार को मोदी, शी और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मुलाकात की थी। पुतिन सम्मेलन से इतर विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने वाले हैं।

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