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तीन दिन में ही कुश्ती महासंघ चित

नियमों का पालन नहीं करने पर खेल मंत्रालय ने की कार्रवाई
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नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (एजेंसी)

खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निर्वाचित होने के तीन दिन बाद ही रविवार को निलंबित कर दिया। मंत्रालय का कहना है कि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि नयी संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है। डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे, जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने जीत दर्ज की थी। इसके विरोध में महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था और बजरंग पूनिया ने पद्मश्री पुरस्कार सरकार को लौटा दिया था।

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महासंघ अगले आदेश तक निलंबित रहेगा और यह कुश्ती के दैनिक कामकाज नहीं देखेगा। सूत्रों के अनुसार, महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने 21 दिसंबर को अध्यक्ष चुने जाने के दिन ही घोषणा की कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप साल खत्म होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के गोंडा के नंदिनी नगर में होगी। आमतौर पर ऐसे निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा लिए जाते हैं, जिसके समक्ष एजेंडे को विचार के लिए रखा जाना आवश्यक होता है। कार्यकारी समिति की बैठक के लिए न्यूनतम नोटिस अवधि 15 दिन की होती है और कोरम एक-तिहाई प्रतिनिधियों का होता है। जिसका इसमें पालन नहीं किया गया। नयी संस्था ने उसी परिसर (बृजभूषण का आधिकारिक बंगला) में काम करना शुरू कर दिया, जहां से पिछले पदाधिकारी काम करते थे और जहां कथित तौर पर खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। सूत्रों ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि नवनिर्वाचित निकाय पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में है, जो खेल संहिता का उल्लंघन है।’

मैं अब इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा : बृजभूषण

कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उनका अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि उनके पास कई अन्य जिम्मेदारियां हैं, जिनमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं। बृजभूषण ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘भारत में कुश्ती के संबंध में जो कुछ भी करना है वह निर्वाचित संस्था करेगी। मैं अब इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा।’

ओलंपिक संघ से तदर्थ समिति बनाने को कहा

खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से कुश्ती महासंघ का कामकाज देखने के लिए तदर्थ समिति बनाने का अनुरोध किया है। मंत्रालय ने आईओए को जल्द पैनल गठित करने के लिए लिखा। आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा को लिखे पत्र में भारत सरकार के अवर सचिव तरुण पारीक के हस्ताक्षर हैं।

'' हम खेल मंत्री से निलंबन हटाने का आग्रह करते हैं। अगर बातचीत से मामला नहीं सुलझता तो हम कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं। हम सरकार को बताएंगे कि हमने निर्णय करते समय नियमों का पालन किया है। हम सबूत पेश करेंगे।''

-संजय सिंह, अध्यक्ष, भारतीय कुश्ती महासंघ

''यह कुछ अच्छा होने की दिशा में पहला कदम है। मुझे उम्मीद है कि सरकार समझेगी कि हम किस उद्देश्य के लिए लड़ रहे थे। यह देश की बहनों, बेटियों के लिए लड़ाई थी।''

-साक्षी मलिक

'' मैंने अपना पुरस्कार लौटा दिया है और मैं उसे वापस लेने नहीं जा रहा हूं। बहनों और बेटियों का सम्मान पुरस्कार से बड़ा है। न्याय के बाद ही मैं इसे वापस लेने के बारे में विचार करूंगा। ''

- बजरंग पूनिया

'' सरकार का यह बहुत बढ़िया फैसला है। इससे खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा। सभी कुश्ती राज्य संघों को भी भंग कर देना चाहिए और नये सिरे से संघ बनाकर फिर से चुनाव कराये जाने चाहिए। ''

-महावीर फोगाट, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता

फैसला दबाव में लिया गया : विपक्ष

विपक्षी नेताओं ने कहा कि डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने का सरकार का फैसला प्रदर्शनकारी पहलवानों को न्याय देने के लिए पर्याप्त नहीं है। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘भाजपा के नेतृत्व वाला मंत्रालय सोचता है कि वे महिला पहलवानों की मदद न करने से खुद को मुक्त कर रहे हैं, तो वे गलत हैं।’ कांग्रेस नेता उदित राज ने पोस्ट किया, ‘साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया द्वारा पदक वापस करने से दबाव बढ़ा, इसका स्वागत है, लेकिन पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है।’ सपा नेता फखरुल हसन चांद ने आरोप लगाया कि भाजपा बृजभूषण के प्रति निष्ठावान लोगों के चुनाव से पैदा हुई नाराजगी से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

‘बस इस बात का सबर है, ऊपर वाले को सब खबर है...’

सोनीपत (हरेंद्र रापड़िया/हप्र) : खेल मंत्रालय के फैसले के बाद विनेश फोगाट ने साहिर लुधियानवी की शायरी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। वहीं बजरंग पूनिया के भाई हरेंद्र पूनिया ने लिखा है कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। वहीं निलंबित की गई भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारिणी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र कादियान ने कहा कि कुश्ती की बेहतरी के लिए काम करना चाहते थे। अभी उनके पास कोई आधिकारिक पत्र नहीं आया है। विनेश ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘बस इस बात का सबर है, ऊपर वाले वाले को सब खबर है।’ उधर, देवेंद्र कादियान ने एक बातचीत में कहा कि जल्द ही नव निर्वाचित कार्यकारिणी की बैठक होने वाली थी। सभी पदाधिकारियों को कार्यकारिणी की बैठक का इंतजार था।

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