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विराट विदा

अपने टेस्ट करियर को हमेशा मुस्कुराते हुए देखूंगा : कोहली
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नयी दिल्ली, 12 मई (एजेंसी)

भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान और पिछले एक दशक से भारतीय बल्लेबाजी की धुरी रहे विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। छत्तीस वर्षीय कोहली ने पिछले साल टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। अब वह सिर्फ एक दिवसीय क्रिकेट खेलेंगे।

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कोहली के संन्यास के साथ ही टेस्ट प्रारूप से भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों का बाहर होना जारी है। रविचंद्रन अश्विन (दिसंबर में) और रोहित शर्मा (पिछले सप्ताह) भी इस प्रारूप से संन्यास ले चुके हैं।

कोहली ने टेस्ट क्रिकेट के लिए अपने विदाई नोट में लिखा, ‘सफेद कपड़ों में खेलना अंदरूनी रूप से बहुत ही व्यक्तिगत होता है। शांति से मेहनत करना, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन ये पल हमेशा आपके साथ रहते हैं। जब मैं खेल के इस प्रारूप से दूर जा रहा हूं तो यह आसान नहीं है। लेकिन यह सही लगता है। मैंने इसे अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे उम्मीदों से कहीं अधिक दिया है। मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा।’

उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में पहली बार 14 साल पहले ‘बैगी ब्लू’ पहनी थी। सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे गढ़ा और मुझे ऐसे सबक सिखाए, जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा।’

तेंदुलकर ने एक धागे के बंधन को किया याद : सचिन तेंदुलकर जब टेस्ट क्रिकेट से विदा ले रहे थे, तब विराट कोहली को उनका वारिस माना जा रहा था और सोमवार को जब कोहली ने इस प्रारूप को अलविदा कहा तो ‘मास्टर ब्लास्टर’ ने उनके बीच एक धागे के बंधन को याद किया। तेंदुलकर ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘तुमने मुझे तुम्हारे दिवंगत पिता से मिला धागा तोहफे में दिया था। यह मेरे लिए काफी निजी चीज थी, तुम्हारी भावना ने मुझे छू लिया और आज तक उसे भूल नहीं पाया हूं। मेरे पास बदले में देने के लिये धागा नहीं है, लेकिन मेरी प्रशंसा और शुभकामनायें तुम्हारे साथ हैं। तुम्हारी असल विरासत असंख्य युवा क्रिकेटरों को प्रेरित करना  रही है।’

सबसे सफल कप्तान 30 शतक

वर्ष 2011 में पदार्पण करने के बाद से कोहली ने भारत को इस प्रारूप में दुनिया की नंबर एक टीम बनाया और 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक शृंखला जीत दिलाई। उनकी कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते। वह दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ, आॅस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉ के बाद सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहे। कोहली ने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले और 46.85 के औसत से 30 शतकों की मदद से 9230 रन बनाए। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सात दोहरे शतकों के साथ इस प्रारूप के दिग्गज के रूप में अपनी पहचान बनाई जो किसी भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे अधिक है। वह महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (4), सचिन तेंदुलकर (6), वीरेंद्र सहवाग (6) और राहुल द्रविड़ (5) से आगे रहे। इस मेगास्टार का आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया दौरा था, जो काफी निराशाजनक रहा। इस तरह उनके करियर का अंत 10,000 रन के आंकड़े से कम रहा, जिसे एक समय औपचारिकता माना जा रहा था।

एक युग का अंत, विरासत हमेशा रहेगी : बीसीसीआई

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत लेकिन उनकी विरासत हमेशा कायम रहेगी। टीम इंडिया में उनके योगदान को हमेशा संजोकर रखा जाएगा।’ आईसीसी ने कहा, ‘भारत के महान टेस्ट क्रिकेटरों में से एक विराट कोहली ने पारंपरिक प्रारूप से विदा ली। सफेद जर्सी नहीं पहनेंगे, लेकिन ताज बरकरार रहेगा। विराट कोहली ने अतुलनीय विरासत छोड़कर विदा ली।’ भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने लिखा,‘शेर की तरह जुनून वाला एक इंसान। तुम्हारी कमी खलेगी।’ युवराज सिंह ने एक्स पर लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट ने तुम्हारे भीतर के योद्धा को तलाशा और तुमने इसके लिए सब कुछ दे दिया। तुमने महान खिलाड़ियों की तरह खेला, सीने में आग और हर कदम पर गर्व। सफेद जर्सी में तुम्हारे योगदान पर गर्व है।’

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