अब इलेक्ट्रानिक वाहनों से होगा डोर-टू-डोर कचरा प्रबंधन
स्वच्छ और हरित भारत की दिशा में बढ़ते मनोहर कदम
नई दिल्ली, 17 जून (ट्रिन्यू)
आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय का शहरों को स्वच्छ व स्मार्ट सिटी बनाने के साथ कचरा प्रबंधन पर फोकस है। स्वच्छ और हरित भारत की दिशा में बढ़ते मनोहर कदम शहरों की कायाकल्प कर रहे हैं। देश के तीन बड़े शहरों में कूड़ा प्रबंधन में इलेक्ट्रानिक वाहन कारगर साबित हो रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल तकनीकों के जरिये शहरों में न केवल डोर-टू-डोर कचरा प्रबंधन किया जा रहा है, बल्कि आमजन को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में शहरी विकास मंत्रालय अहम भूमिका निभा रहा है। देश के तीन शहरों में इलेक्ट्रानिक वाहनों के जरिये कचरे का प्रबंधन किया जा रहा है।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 200 से अधिक इलेक्ट्रिक ऑटो का उपयोग करके अपशिष्ट प्रबंधन किया जा रहा है। वहीं ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन शहर भर में कचरा संग्रहण के लिए बैटरी से चलने वाले 5478 इलेक्ट्रिक रिक्शा का उपयोग कर रहा है। इंदौर नगर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 100 इलेक्ट्रिक वाहन (ई-वाहन) शुरू कर दिये हैं।
इंदौर नगर निगम में डीजल वाहनों की जगह इलेक्ट्रोनिक वाहनों का उपयोग से सालाना लगभग 5.97 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है। निगम ने 20 सोलर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं, जिनमें से प्रत्येक 10 किलोवॉट सोलर पैनल से लैस है और प्रतिदिन 800-1000 यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम है।
इलेक्ट्रानिक वाहनों से बढ़ रही पर्यावरणीय सुरक्षा : मनोहर लाल
इलेक्ट्रानिक वाहनों से न केवल पर्यावरणीय सुरक्षा बढ़ रही है, बल्कि इनके जरिये ईवी को भी बढ़ावा मिल रहा है। इन वाहनों में गीले, सूखे और खतरनाक कचरे के लिए अलग-अलग डिब्बे हैं, जोकि लोगों को पर्यावरण जागरूकता के प्रति बड़ी पहल है। यह बात केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल कही। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि ई-रिक्शा में ऑडियो सिस्टम गीतों और सार्वजनिक सूचना अभियानों के माध्यम से कचरा प्रबंधन के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।