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हरियाणा के कुमार नितेश को बैडमिंटन में स्वर्ण

पेरिस (एजेंसी) भारत के कुमार नितेश ने सोमवार को यहां पुरुष एकल एसएल3 बैडमिंटन फाइनल में कड़े मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीता। हरियाणा के 29 साल के नितेश ने अपने मजबूत...
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फोटो : राॅयटर
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पेरिस (एजेंसी)

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भारत के कुमार नितेश ने सोमवार को यहां पुरुष एकल एसएल3 बैडमिंटन फाइनल में कड़े मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीता। हरियाणा के 29 साल के नितेश ने अपने मजबूत डिफेंस और सही शॉट चयन की मदद से टोक्यो पैरालंपिक के रजत पदक विजेता बेथेल को एक घंटे और 20 मिनट चले मुकाबले में 21-14 18-21 23-21 से हराया। एसएल3 वर्ग के खिलाड़ियों के शरीर के निचले हिस्से में अधिक गंभीर विकार होता है और वह आधी चौड़ाई वाले कोर्ट पर खेलते हैं। जब नितेश 15 वर्ष के थे तब उन्होंने 2009 में विशाखापत्तनम में एक रेल दुर्घटना में अपना बायां पैर खो दिया था, लेकिन वह इस घटना से उबर गए और पैरा बैडमिंटन को अपनाया। नितेश की जीत के साथ एसएल3 वर्ग का स्वर्ण पदक भारत के पास बरकरार रहा। टोक्यो में तीन साल पहले जब पैरा बैडमिंटन ने पदार्पण किया था तो प्रमोद भगत ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। नितेश ने मैच के बाद कहा, ‘मुझे अब भी कुछ अहसास नहीं हो रहा। शायद जब मैं पोडियम पर जाऊंगा और राष्ट्रगान बजेगा तो इस भावना का सामना कर पाऊंगा।’ आईआईटी मंडी से स्नातक नितेश का दुर्घटना के बाद बिस्तर पर पड़े रहने से लेकर पैरालंपिक पोडियम के शीर्ष पर खड़े होने तक का सफर उनके अदम्य साहस का प्रमाण है। नौसेना अधिकारी के बेटे नितेश ने कभी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए रक्षा बलों में शामिल होने का सपना देखा था।

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