Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत चित्र

सत्यवीर नाहड़िया हरियाणा प्रदेश के तीज-त्योहारों, लोकगीतों तथा लोकनृत्यों के माध्यम से इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सहज ही समझा जा सकता है। आलोच्य कृति ‘हरियाणा प्रदेश के लोकपर्व, लोकनृत्य तथा जकड़ी गीत’ से गुजरते हुए हरि और हर के...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

सत्यवीर नाहड़िया

हरियाणा प्रदेश के तीज-त्योहारों, लोकगीतों तथा लोकनृत्यों के माध्यम से इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सहज ही समझा जा सकता है। आलोच्य कृति ‘हरियाणा प्रदेश के लोकपर्व, लोकनृत्य तथा जकड़ी गीत’ से गुजरते हुए हरि और हर के इस हरियाले प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों पर अनायास गर्व हो उठता है। हरियाणवी संस्कृति तथा संगीत के बहुआयामी पक्षों पर करीब तीन दर्जन कृतियां दे चुकी वरिष्ठ रचनाकार डॉ. रमाकांता ने सांस्कृतिक धरोहर के इस जीवंत दस्तावेज़ को पांच खंडों में विभाजित किया है।

Advertisement

प्रथम खंड में हरियाणा प्रदेश के तीज-त्योहारों तथा उनसे जुड़े लोकगीतों को शामिल किया गया है, जिसमें मकर संक्रांति, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गूगा नवमी, कनागत, सांझी, गोवर्धन पूजा, देवोठनी ग्यास, होली, दुलेहंडी, तीज कोथली, कच्चा सिंधारा आदि उल्लेखनीय हैं। दूसरे खंड में गंगा स्नान, तुलसी पूजन तथा तुलसी विवाह को शामिल किया गया है। हरियाणा प्रदेश के लोकनृत्यों पर केंद्रित तीसरे खंड में पारंपरिक लोकनृत्यों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं वर्तमान स्वरूप पर चर्चा है, जिसमें खोडिया, घूमर, घोड़ी-बाजा नृत्य, लूर, फाग, रसिया धमाल आदि उल्लेखनीय हैं। चतुर्थ खंड में हरियाणवी लोकप्रिय नृत्यगीतों की अर्थ सहित व्याख्या को शामिल किया गया है। पांचवें तथा अंतिम खंड में जकड़ी गीतों की पृष्ठभूमि एवं महत्व के साथ करीब एक दर्जन जकड़ी गीतों के प्रेरक उदाहरण व सरलार्थ दिए गए हैं।

कुल मिलाकर हरियाणा प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन में यह पुस्तक महत्वपूर्ण साबित होगी तथा शोधकर्ताओं के लिए आधार सामग्री का कार्य करेगी, ऐसा विश्वास है।

पुस्तक : हरियाणा प्रदेश के लोकपर्व, लोकनृत्य तथा जकड़ी गीत रचनाकार : डॉ. रमाकांता प्रकाशक : मोनिका प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ : 200 मूल्य : रु. 600.

Advertisement
×