जींद की जाट धर्मार्थ सभा में 7 साल पुराने कॉलेजियम से चुनाव करवाने पर बवाल
जींद की जाट धर्मार्थ सभा को एडहॉक कमेटी द्वारा कार्यकारिणी के चुनाव के लिए बनाए गए कॉलेजियम पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सभा के सैकड़ों आजीवन सदस्यों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। 7 साल पुराने जिस कॉलेजियम पर कार्यकारिणी का चुनाव करवाया जा रहा है, उसे गैर कानूनी बताते हुए आजीवन सदस्यों ने चुनाव पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। इस चुनावी कार्यक्रम को अदालत में भी चुनौती दी जाएगी।
जाट धर्मार्थ सभा की एडहॉक कमेटी ने साल 2017-18 में बनाए गए कॉलेजियम के ड्राफ्ट पर ही कार्यकारिणी के नए चुनाव करवाने का कार्यक्रम घोषित किया है। 10 अगस्त का चुनावी कार्यक्रम घोषित होते ही जाट सभा में बहुत बड़ा बवाल मच गया है। इसकी वजह यह है कि जिस कॉलेजियम के आधार पर कार्यकारिणी के चुनाव एडहॉक कमेटी करवाना चाहती है, वह 7 साल पहले बना था। इसके अलावा सभा के 2971 सदस्यों की जगह केवल 1149 सदस्य ही वोटर लिस्ट में रखे गए हैं। वोटर लिस्ट में से लगभग 1822 सदस्यों के नाम हटा दिए गए हैं। इसी पर जाट धर्मार्थ सभा के सैकड़ों आजीवन सदस्यों को सबसे बड़ी आपत्ति है। सभा के पूर्व प्रधान देवव्रत ढांडा से लेकर पूर्व महासचिव सुरेंद्र खटकड़, जगबीर ढिगाना समेत सभा के प्रमुख लोगों ने रविवार को जींद की जाट धर्मशाला में बैठक की। बैठक में कहा गया कि एडहॉक कमेटी को भाजपा के एक बड़े पदाधिकारी का रिश्तेदार रिमोट कंट्रोल से चला रहा है। इन लोगों का मकसद सभा पर कब्जा करने का है। बैठक में साफ कहा गया कि आज तक कभी भी जाट धर्मार्थ सभा में कॉलेजियम नहीं बना। 2017-18 में कॉलेजियम के ड्राफ्ट की ही अनुमति फर्म एंड सोसाइटीज के जिला रजिस्ट्रार से ली गई थी। उसके बाद जाट सभा की दो कार्यकारिणी अपना तीन-तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं। ऐसे में 7 साल पुराने कॉलेजियम और उसके भी महज ड्राफ्ट को आधार बनाकर किस तरह से नई कार्यकारिणी करने का चुनाव करवाया जा सकता है। यह सरासर अवैध है। सदस्यों ने एक सुर में कहा कि इस तरह से चुनाव नहीं होना चाहिए। नए सिरे से और अपडेटेड वोटर लिस्ट पर कॉलेजियम बनाया जाए।
एडहॉक कमेटी ने नकारे पूर्व प्रधान और दूसरे सदस्यों के आरोप
जाट धर्मार्थ सभा की कार्यकारिणी के चुनाव के लिए 8 साल पहले बने कॉलेजियम से कार्यकारिणी का चुनाव करवाने जा रहे एडहॉक कमेटी के सदस्य किताब सिंह भनवाला से बात की गई तो भनवाला ने कहा कि फर्म एंड सोसाइटी के जिला रजिस्ट्रार से पुराने कॉलेजियम के आधार पर चुनाव करवाने की अनुमति ली गई है। एक्ट में एक संशोधन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 15 साल तक कॉलेजियम मान्य है।