रोहतक, 27 मार्च (हप्र)
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय हीपा व शहर की अन्य संस्थाओं के सहयोग से महीने में कम से कम दो बार नाटकों का मंचन करवाएगा ताकि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी मानवीय क्षमताओं को निखारने के मौका मिले और वे बेहतर नागरिक के रूप में विकसित हो सकें। यह बात आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर आठ राज्यों के चुनिंदा आठ रंगकर्मियों को देवेन्द्र त्रिखा बेस्ट थियेटर प्रमोटर अवार्ड प्रदान करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इसके अलावा साल में दो बार नाटक कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा। प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि रंगमंच और दूसरी कलात्मक विधाएं अनौपचारिक शिक्षा के प्रभावी साधन हैं, जो बच्चों को संवेदनशील और सशक्त बनाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर राजबीर सिंह ने जम्मू कश्मीर से जम्मू के पद्मश्री बलवंत ठाकुर, हिमाचल प्रदेश से नाहन के रजित सिंह कंवर, उत्तराखंड से नैनीताल के इदरीस मालिक, पंजाब से अमृतसर के जतिंदर बराड़, चंडीगढ़ से बनिंदर सिंह बन्नी, हरियाणा से गुड़गांव के महेश वशिष्ठ, दिल्ली से सुनील चौहान और राजस्थान से जयपुर के अशोक राही को देवेन्द्र त्रिखा बेस्ट थियेटर प्रोमोटर अवार्ड के रूप में रुपए 11,000/ का चेक, एक शॉल, प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान किया। इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. जगबीर राठी, पंडित कैलाश वर्मा, अर्जुन वशिष्ठ, गुलशन शर्मा, सुनित मुखर्जी, हीपा के ट्रस्टी, शहर के कलाकार और स्व. देवेन्द्र त्रिखा के परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत और सरस्वती वंदना से हुई। तत्पश्चात विश्वदीपक त्रिखा और प्रोफेसर हरीश कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर हीपा के कलाकारों ने ताल और सुरों की बेहतरीन बानगी प्रस्तुत की। पहले मशहूर नगाड़ा वादक सुभाष नगाड़ा और उनके शिष्यों ने ताल कचहरी के रूप में हरियाणवीं वाद्य यंत्रों की सुंदर प्रस्तुति दी। इसके बाद लोकगायक गुलाब सिंह ने रागनी और विकास रोहिल्ला व डॉ. सौरभ वर्मा ने पंजाबी, हरियाणवीं तथा हिंदी गीत प्रस्तुत किए।