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डीजे विवाद में संदिग्ध मौत : 10 दिन बाद भी शव का संस्कार नहीं

हिसार में डीजे विवाद में युवक गणेश की हुई संदिग्ध मौत को लेकर मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। घटना को 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। प्रशासन ने...
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हिसार में डीजे विवाद में युवक गणेश की हुई संदिग्ध मौत को लेकर मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। घटना को 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। प्रशासन ने मंगलवार को हरियाणा शव सम्मान निपटान कानून के तहत मृतक युवक के परिजनों को नोटिस दिया तो बुधवार को महापंचायत बुलाई गई और महापंचायत ने तीन दिन का समय मांगा है।

परिजन युवक की मौत को हत्या मानते हुए पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज कराने की मांग पर अड़े हैं। महापंचायत में शामिल कमेटी के सदस्यों ने बताया कि उनकी जो डिमांड है उसको लेकर धरना जारी रहेगा। पुलिस यदि शव का संस्कार करना चाहती है तो उसकी कार्रवाई को नहीं रोका जाएगा।

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वहीं दूसरी ओर, प्रशासन ने मंगलवार को हरियाणा शव सम्मान निपटान कानून के तहत परिजनों को नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अगर 12 घंटे के भीतर शव नहीं लिया गया, तो पुलिस खुद अंतिम संस्कार कर देगी।

बता दें कि घटना 7 जुलाई की रात को 12 क्वार्टर एरिया की ढाणी किशनदत्त में हुई थी, जहां बर्थडे पार्टी में डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ। पुलिस का दावा है कि युवक खुद छत से कूदा, जबकि परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे छत से नीचे फेंका। इसी को लेकर परिजन प्रदर्शन कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।

चार माह पहले बना कानून, पहली जुलाई से हुआ लागू

पुलिस मंगलवार को धरने वाली जगह पर हरियाणा शव सम्मान निपटान कानून के तहत नोटिस देने पहुंची थी, लेकिन परिजनों ने लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने नोटिस घर पर चिपका दिया। नोटिस में लिखा कि शव का पोस्टमार्टम बोर्ड से करवा दिया गया है। 12 घंटे में शव को लेकर उसका अंतिम संस्कार करें। बता दें कि यह कानून 4 महीने पहले ही विधानसभा से पास हुआ था, जिसमें लिखा गया है कि अगर किसी ने इस कानून का उल्लंघन किया तो उन्हें 6 महीने से 3 साल तक की कैद और एक लाख रुपए तक का जुर्माना भी हो सकता है। एक जुलाई को यह कानून लागू हो चुका है।

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