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दो सरकारी स्कूलों में 1.34 करोड़ का गबन, केस दर्ज

प्रधानाचार्य ने संदेह होने पर ऑडिट का कराया मिलान तो हुआ खुलासा, 4 साल से चल रहा था खेल
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जिले के दो सरकारी स्कूलों में 1.34 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। लिपिक ने फर्जी बिल तैयार कर अपने परिचितों के बैंक खातों में ई-सेलरी पोर्टल के माध्यम से भुगतान की रकम ट्रांसफर कर दी। संदेह होने पर स्कूल की प्रधानाचार्य ने पुराने ऑडिट का मिलान किया तो पूरा मामला उजागर हो गया। लिपिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। आरोपी लिपिक अब डाइट संस्थान में कार्यरत है।
गांव अकबरपुर बारोटा में स्थित पीएमश्री वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में तैनात रहे लिपिक मनोज आनंद पर गबन का आरोप है। पीएमश्री माध्यमिक विद्यालय स्कूल की प्राचार्य भारती ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि स्कूल में तैनात लिपिक मनोज आनंद स्कूल से तबादला होकर डाइट संस्थान में गए थे। इसी दौरान छतेहरा बहादुरपुर स्कूल में इंचार्ज शिवराज 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए। उसके बाद उनकी डीडी पावर भी भारती को मिल गई। इस बीच स्कूल में तैनात क्लर्क को मनोज आनंद ने बताया कि उन्होंने सेवानिवृत्त इंचार्ज शिवराज का लीव इन कैशमेंट का बिल बना दिया था। उसे खजाना कार्यालय में भेजकर पास करा देना। बाद में पता लगा कि बिल शिवराज के नाम से नहीं किसी महेंद्र मलिक के नाम से बनाया गया है। उस नाम का कोई व्यक्ति उनके स्कूल में कार्यरत नहीं था।
प्रधानाचार्य भारती ने पूरी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी। शुक्रवार को इसकी शिकायत कुंडली थाना पुलिस को दी गई है। कुंडली थाना पुलिस लिपिक मनोज आनंद के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

51 फर्जी बिलों का भुगतान

लिपिक मंजीत से छतेहरा बहादुरपुर का पोर्टल खुलवाया तो पाया कि एक लीव इन कैशमेंट का बिल महेंद्र मलिक नामक व्यक्ति के नाम से जनरेट किया गया है, जिसकी कुल राशि 9.09 लाख रुपये थी। यहीं से पूरा मामला खुलता चला गया। इसके बाद जब मामले में पता किया गया तो पीएमश्री वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में 20 फर्जी बिल मिले और 32 लाख का घोटाला सामने आया। इसके अलावा सोनीपत के गांव छतेहरा बहादुरपुर के सरकारी स्कूल में 31 फर्जी बिल बनाए गए और 1.02 करोड़ रुपये का गबन किया गया था। विभागीय जांच में परत दर परत मामला खुलता गया। लिपिक मनोज आनंद ने ई-सेलरी पोर्टल के माध्यम से कुल 51 फर्जी बिलों का भुगतान किया। जिन खातों में भुगतान की रकम ट्रांसफर हुई वह सभी लिपिक के रिश्तेदार एवं करीबी लोगों के हैं।
फर्जी बिलों से भुगतान का खेल 4 साल से चल रहा रहा था। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में आय व्यय का मिलान होता है, लेकिन इसके बाद भी स्कूलों में फर्जीवाड़ा चलता रहा। महिमा, दिव्या, निशांत अरोड़ा, भूपेंद्र कुमार, तृप्ता, संजय कुमार, पूनम और कृष्णा के बैंक खातों में फर्जी बिलों के भुगतान की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की गई। अकबरपुर बारोटा स्कूल में भी 20 फर्जी सेलरी एरियर बिल बनाए गए और 32 लाख 96 हजार 909 रुपये की सरकारी रकम का गबन किया गया। प्राचार्य की ओर से शिकायत दी गई है कि तत्कालीन लिपिक ने गबन किया है। शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
-रविंद्र कुमार, पुलिस प्रवक्ता, सोनीपत
लाखों रुपये के भुगतान का संदेह होने के बाद रिकार्ड की जांच की गई। 9 लाख रुपये के फर्जी बिलों का भुगतान खजाना अधिकारी को सूचना देकर रुकवा दिया गया है।
-भारती, प्रधानाचार्य, पीएमश्री माध्यमिक विद्यालय 
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