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पीजीआई इमरजेंसी में भी मरीजों की अब होगी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

पीजीआईएमएस के ट्रॉमा सेंटर में आने वाले पेट के रोगियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। अब उन्हें एमरजेंसी में पेट की समस्या होने पर बड़ा ऑपरेशन करवाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका इमरजेंसी में लेप्रोस्कोपी से भी...

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पीजीआईएमएस के ट्रॉमा सेंटर में आने वाले पेट के रोगियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। अब उन्हें एमरजेंसी में पेट की समस्या होने पर बड़ा ऑपरेशन करवाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका इमरजेंसी में लेप्रोस्कोपी से भी ऑपरेशन हो सकेगा। मंगलवार को ट्रॉमा सेंटर में कुलपति डाॅ.एचके अग्रवाल, निदेशक डाॅ.एसके सिंघल, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल ने रिबन काटकर इस मशीन का शुभारंभ किया।

कुलपति डाॅ.एचके अग्रवाल ने बताया कि सर्जरी विभाग में आज एक नई लेप्रोस्कोपी मशीन का अनावरण किया गया है। यह मशीन ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद रहेगी क्योंकि इससे मरीज को चीरा नहीं लगाना पड़ेगा और छोटे सा होल बनाकर मरीज की सर्जरी की जा सकेगी। डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि करीब एक करोड़ रुपए की लागत से आई यह मशीन प्रदेशवासियों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी।

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निदेशक डाॅ.एसके सिंघल ने कहा कि लेप्रोस्कोपी आमतौर पर एलेक्टिव ओटी में होती है और पूरे हरियाणा में एकमात्र पीजीआईएमएस ऐसा संस्थान है जहां इमरजेंसी ओटी में इसकी शुरुआत की गई है। केवल देश के कुछ चुनिंदा सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी ओटी में ही यह मशीन उपलब्ध है।

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सर्जरी विभागाध्यक्ष एवं डीन छात्र कल्याण डाॅ. एम.जी. वशिष्ठ ने बताया कि इस मशीन के इमरजेंसी में आ जाने से गंभीर मरीजों को बेहतर देखभाल मिल सकेगी। जो सर्जन उनके विभाग में ट्रेनिंग ले रहे हैं वें इससे और अधिक प्रशिक्षित होंगे। उन्होंने बताया कि डाॅ.सुरेंद्र वर्मा को इसको नोडल अधिकारी बनाया गया है।

डाॅ. एमजी वशिष्ठ ने बताया कि जिन मरीजों को अपेंडिक्स, फटी हुई आंत, आंतें रुकी हुई हों, पित्त की थैली में पथरी हो, पेट की किसी बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो तो ऐसे में ट्रॉमा में यह लेप्रोस्कोपी मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। छोटे से होल के माध्यम से अब पीजीआईएमएस में इमरजेंसी में आसानी से उपलब्ध होगी। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल, डाॅ. संजय मरवाह , डाॅ. सतीश दलाल व डॉ सुनील यादव सहित कई चिकित्सक व स्टाफ उपस्थित रहे।

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