जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार ने लिया ऐतिहासिक निर्णय : बड़ौली
सोनीपत, 30 अप्रैल (हप्र)
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक की सभी जनगणनाओं में जातियों की गणना नहीं की गई। वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में जाति जनगणना पर विचार का आश्वासन दिया था मगर अमल नहीं किया। अब मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना कराए जाने को लेकर लिया फैसला ऐतिहासिक है।
प्रदेशाध्यक्ष बड़ौली बुधवार शाम को सोनीपत के सेक्टर-15 स्थित अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में अधिकांश दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी, इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने इसे जनगणना के रूप में न करते हुए एक सीमित सर्वेक्षण के रूप में किया, जिससे केवल भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।
बड़ौली ने कहा कि कांग्रेस व उसके सहयोगी ‘इंडी गठबंधन’ ने जाति जनगणना के विषय का उपयोग केवल अपने राजनीतिक हितों के लिए किया है, जबकि संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 के अंतर्गत जनगणना केंद्र सरकार का विषय है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की गणना का प्रयास किया, किंतु इनमें से कई सर्वेक्षण पारदर्शिता से दूर और राजनीतिक प्रभाव में किए गए जिससे समाज में भ्रम और असमानता की भावना फैली।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि जातियों की गणना किसी सीमित सर्वे के रूप में नहीं, बल्कि मुख्य जनगणना प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा हो। बड़ौली ने कहा कि भाजपा सरकार जब भी गरीब, पिछड़े और समाज के वंचित वर्गों की बात करती है, तो उसका उद्देश्य समाज में समरसता बनाए रखना होता है।