Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मैनपावर, दवाओं के अभाव में जींद में सरकारी चिकित्सा सुविधाओं पर मुख्यालय का हल्ला बोल

25 को खुद स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक जींद आकर करेंगे जांच रिपोर्ट की समीक्षा जींद जिले में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की तीन दिन तक स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से आई टीमें मॉनिटरिंग करेंगी। इस...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
जींद में फील्ड में सरकारी चिकित्सा सेवाओं को परखती स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की टीमें। -हप्र
Advertisement

25 को खुद स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक जींद आकर करेंगे जांच रिपोर्ट की समीक्षा

जींद जिले में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की तीन दिन तक स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से आई टीमें मॉनिटरिंग करेंगी। इस मॉनिटरिंग को विभाग ने हल्ला बोल नाम दिया है। स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल 25 जुलाई को जींद आकर इन टीमों की रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे और जींद में स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों से जवाब-तलबी भी करेंगे।

इससे जींद के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। एनएचएम के एमडी ने जींद जिले में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए जींद जिले में कई टीम भेजी हैं। इन टीमों ने बुधवार से जींद जिले में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं को जांचना शुरू किया।

Advertisement

बृहस्पतिवार को जींद के सिविल अस्पताल तथा सफीदों जुलाना और उचाना के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की टीम अपने स्तर पर परखेंगी। शुक्रवार को भी मुख्यालय की टीमें जींद जिले में सरकारी चिकित्सा सेवाओं की हालत को परखेंगी।

विभाग के पास मैनपावर से लेकर दवाओं का अभाव

इन दिनों जब विभाग के जींद जिले में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रही हैं, तब विभाग के पास मैनपावर से लेकर दवाओं की भारी कमी है। जींद के सिविल अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट, स्किन स्पेशलिस्ट, न्यूरो सर्जन के पद खाली हैं। सिविल अस्पताल में केवल एक नेत्र रोग विशेषज्ञ और एक ईएनटी सर्जन की नियुक्ति है।

सिविल अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के भी लगभग आधे पद अब भी खाली पड़े हैं। फील्ड में मेडिकल ऑफिसर्स के लगभग दो-तिहाई पद खाली हैं। जींद जिले में डिप्टी सिविल सर्जन के 7 पद हैं। इनमें भी 4 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग की कुल 163 किस्म की दवाएं जिले में होनी चाहिएं, लेकिन मुश्किल से 50 किस्म की दवाएं सरकारी अस्पताल में उपलब्ध हैं।

इस स्थिति पर हिसार के कांग्रेसी सांसद जयप्रकाश ने चिंता जताते हुए कहा कि जींद जिला सरकार की प्राथमिकता में शुमार नहीं है। यही कारण है कि जींद के सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन तो है, लेकिन पूरे जिले में एक भी रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं है। स्वास्थ्य विभाग में जींद जिले में मेडिकल अफसर के लगभग आधे पद अब भी खाली पड़े हैं।

Advertisement
×