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Haryana News : गुडाना गांव में नहीं कब्रिस्तान, घरों में ही सपुर्द ए ख़ाक को मजबूर

चकबंदी नहीं होने के चलते आ रही परेशानी, मुस्लिम समाज ने दिया अल्टीमेटम
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चरखी दादरी के गांव गुडाना में घर में कब्र दिखाते समाज के लोग। -हप्र
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प्रदीप साहू/हप्र

चरखी दादरी, 26 दिसंबर

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चरखी दादरी जिले के गांव गुडाना में मुस्लिम समाज के लोगों को मृतकों के सपुर्द ए ख़ाक के लिए कब्रिस्तान उपलब्ध नहीं है। यहां शव दफनाने के लिए जमीन नहीं होने के कारण पीड़ित परिजनों को घर के परिसर में ही शव दफनाने पड़ रहे हैं। कई साल से कब्रिस्तान की जमीन नहीं होने पर ग्रामीण अधिकारी से लेकर मंत्री तक से मिल चुके हैं, बावजूद इसके आश्वासन के अलावा कोई समाधान नहीं मिला है।

अब मुस्लिम समाज के लोगों ने परिवार में किसी का निधन होने पर अधिकारियों के द्वार पर शव रखकर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। वहीं गांव में चकबंदी प्रक्रिया नहीं होने के कारण ग्राम पंचायत द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती। ऐसे में ग्रामीण भी उधार के श्मशान घाट में शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। अधिकारी जमीन कोर्ट में होने की बात कह अपना पल्लू झाड़ रहे हैं। बता दें कि झोझू कलां ब्लाॅक के गांव गुडाना में मुस्लिम समाज के करीब 50 परिवार रह रहे हैं। मुस्लिम समाज का कब्रिस्तान नहीं होने के कारण बस्ती में उनके घर परिसर में ही शवों का दफनाया जा रहा है। बस्ती में कब्रों के बीच रहना इन लोगों के लिए आम बात हो गई है।

यहां के लोगों का कहना है कि पंचायत के पास कब्रिस्तान के लिए जगह नहीं है और श्मशान घाट भी दूसरे गांव की जमीन पर है। ऐसे में वे अपने घर परिसर में ही शवों को दफनाने पर मजबूर हैं। ऐसे में जहां उनको घर में खाना खाते समय भी डर लगता है वहीं आसपास के लोग भी उनके घरों में आने से डरने लगे हैं।

कब्रिस्तान के लिए स्थाई जगह दिलवाने की मांग को लेकर अधिकारियों से लेकर मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, बावजूद इसके कोई समाधान नहीं हुआ। समाज के लोगों ने रोष प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी कि इस बार किसी का निधन होने पर शव को लेकर अधिकारियों के द्वार पहुंचकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। मौके पर मौजूद ग्रामीण कर्मबीर खान, रोशन, रफीक, जितेंद्र पंच, अब्दुल रहीम, रज्जाक, सबीर व रफीक इत्यादि ने पूरे हालात की जानकारी दी। बताया कि पिछले दिनों उनके परिवार में एक बुजुर्ग महिला का निधन होने पर शव को दफनाने के लिए तीन दिन तक इंतजार करना पड़ा। आखिरकार घर परिसर में ही शव काे दफनाया गया। प्लाट में अब तक दर्जन भर शवाें काे दफनाया जा चुका है। बार-बार कब्रिस्तान की मांग करने पर कोई समाधान नहीं हुआ।

फैसला आने पर होगा समाधान

खंड विकास अधिकारी स्वाति अग्रवाल ने बताया कि गांव गुडाना में कब्रिस्तान नहीं होने बारे शिकायत मिली थी। तहसीलदार व राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गांव की जमीन का चकबंदी मामला हाईकोर्ट में लंबित है। कोर्ट का फैसला आने पर ही स्थाई समाधान होगा।

जल्द मिलेंगे अधिकारियों से...

गांव गुडाना के सरपंच रविंद्र कुमार ने बताया कि गांव में जमीन की चकबंदी नहीं होने के कारण कब्रिस्तान व श्मशान घाट की जमीन नहीं है। मामला हाईकोर्ट में होने के चलते पंचायत की जमीन कब्रिस्तान व श्मशान घाट के लिए निर्धारित नहीं हो पा रही है। मुस्लिम समाज के अलावा ग्रामीण भी मजबूर हैं। हाईकोर्ट द्वारा 17 फरवरी 2025 को सुनवाई की तारीख लगाई है। जल्द ही कब्रिस्तान व श्मशान घाट की जमीन को लेकर अधिकारियों से मिलेंगे।

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