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भारत को विकसित बनाने के लिए उद्यमशीलता की मानसिकता आवश्यक : कुनालजीत

गुजविप्रौवि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम संपन्न, कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने की अध्यक्षता अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के निदेशक कुनाल जीत ने कहा है कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के बनाने के लिए देशवासियों में...
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गुजविप्रौवि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम संपन्न, कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने की अध्यक्षता

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के निदेशक कुनाल जीत ने कहा है कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के बनाने के लिए देशवासियों में उद्यमशीलता की मानसिकता को विकसित करना आवश्यक है। एआईसीटीई तथा शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ (एमआईसी) इस दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने इस अभियान में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) के प्रयासों और योगदान की प्रशंसा भी की। कुनाल जीत गुजविप्रौवि के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) द्वारा एमआईसी और एआईसीटीई के सहयोग से आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) के समापन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।

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अध्यक्षता कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने की। उन्होंने प्रतिभागियों को एक रचनात्मक गतिविधि में शामिल करते हुए मौलिक सोच के महत्व को रेखांकित किया। विश्वविद्यालय की तेज प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कुलपति की दूरदर्शिता की प्रशंसा की और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. टीजी सीतारम की विश्वविद्यालय यात्रा के प्रसंग सांझा किए।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नारसीराम बिश्नोई ने एआईसीटीई के निरंतर सहयोग हेतु कुनाल जीत का आभार व्यक्त किया और बताया कि जीजेयूएसटी द्वारा शुरू किए गए कौशल विकास कार्यक्रम अब ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि इस वर्ष विदेशी छात्रों के नामांकन में वृद्धि की संभावना है और विश्वविद्यालय ने वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से उद्यमिता पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया है।

एचएसबी के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इस बात पर बल दिया कि छात्रों को नौकरी चाहने वालों की बजाय नौकरी देने वाला बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। एफडीपी समन्वयक प्रो. सुनीता रानी ने कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह एफडीपी केवल सामग्री आधारित नहीं बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी समृद्ध था। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए।

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