कलानौर में पेयजल संकट, सूखे जलघर के टैंक
रोहतक, 28 अप्रैल (हप्र)
कलानौर में पेयजल की भारी किल्लत बनी हुई है। लोगों का कहना है कि तीन दिन में पानी की सप्लाई आती है, सप्लाई में जो पानी आ रहा है, वह पीने लायक नहीं है। लोगों को मजबूरन पानी के कैंपर खरीदने पड़ रहे हैं। कलानौर डिग्गी में पानी स्टोरेज के लिए 4 टैंक बनाए गए हैं, जिनमें से एक टैंक खाली है। खरक नहर से केवल 7 दिन ही टैंकों में पानी आया है। जो स्टोरेज पानी है, उससे केवल 10 से 15 दिन ही काम चल सकता है। डिग्गी में कार्यरत ऑपरेटर फूल सिंह और रमेश ने बताया कि बड़ा टैंक खाली है। एक टैंक की चारदीवारी भी टूटी हुई है। जलघर में 4 ट्यूबवेल लगाए गए थे, उनका पानी अब खारा हो चुका है। नए सबमर्सिबल पंप लगाए जा रहे हैं। इनमें से 3 चालू हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि शहर में 5 हजार कनेक्शन हैं। तीसरे दिन पानी की सप्लाई दी जा रही है। शहरवासी राजवीर, उमेश और महिपाल ने बताया कि गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। ऐसे में मात्र 30 से 40 मिनट ही पानी की सप्लाई हो रही है। तीन दिन में एक बार पानी आता है। वह भी जगह-जगह लीकेज के कारण बर्बाद हो जाता है। मोनिका और सुदेश ने बताया कि पीने के पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। आगे और भी बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि समाधान के लिए न तो कोई राजनेता और न ही संबंधित विभाग के अधिकारी प्रयास कर रहे हैं।
14 करोड़ की योजना अभी तक अधूरी
खरक नहर से जलघर में पाइपों के जरिये पानी लाने की योजना पिछले वर्ष बनाई गई थी। इसके लिए विभाग ने 14 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया था। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद भी योजना पर काम शुरू नहीं हुआ। लोहे के पाइप कई महीनों से कलानौर-भिवानी मार्ग हाईवे के किनारे पड़े हैं। अभी तक न तो पाइप दबाए गए हैं और न ही पानी कनेक्शन का प्रयास किया गया है। बाईपास से डिग्गी तक लोहे के पाइप पहले से दबे हुए हैं।
पाइपलाइन दबाने की नहीं मिली मंजूरी
जलापूर्ति विभाग के जेई जयभगवान हुड्डा ने बताया कि रोड के साथ पाइपलाइन दबाने की एनएच से मंजूरी नहीं मिली है। इसके लिए 21 लाख रुपए देने हैं। पैसे देने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से भी मंजूरी लेनी है। उन्होंने कहा कि पाइप बिछाने में कुछ महीने लग सकते हैं। पाइपलाइन बिछने के बाद कलानौर में पीने के पानी की समस्या खत्म हो जाएगी। फिलहाल ट्यूबवेल और शहर का पानी मिलाकर तीसरे दिन सप्लाई दी जा रही है।