बिना डिग्री चल रहे अस्पताल पर सीएम फ्लाइंग का छापा
हिसार, 24 मई (हप्र)
सीएम फ्लाइंग, खाद्य एवं दवा प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने बालसमंद गांव में छापा मारकर लंबे समय से बगैर कोई डिग्री अस्पताल संचालित कर रहे एक झोलाछाप चिकित्सक का पर्दाफाश किया है। अस्पताल में सुखदा अस्पताल की डॉ. निधि मेहता के सप्ताह में एक बार आने और एक अन्य चिकित्सक के अस्पताल में आकर मरीजों का इलाज करने का भी खुलासा हुआ है।
पुलिस ने बताया कि इस बारे में सदर थाना ने चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन बैनिवाल की शिकायत पर बालसमंद गांव निवासी धर्मपाल के खिलाफ नेशनल मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि सीएम फ्लाइंग की सब इंस्पेक्टर सुनैना, एएसआई सुरेंद्र, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर अजय बिश्नोई की टीम ने बालसमंद गांव में जांगड़ा अस्पताल पर छापा मारा। जांच के दौरान धर्मपाल ने बताया कि वह करीब 25 साल से यह अस्पताल संचालित कर रहा है।
वहां पर बुड़ाक गांव निवासी एक महिला कमला देवी अस्पताल में दाखिल भी थी। जांच के दौरान महिला के पति रामनिवास ने अपने बयान दर्ज करवाए और कहा कि धर्मपाल इस अस्पताल का संचालन करता है और उपचार भी मुहैया करवाता है और इसके लिए नकद भुगतान भी लेता है।
धर्मपाल ने बताया कि उसके पास इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से आयुर्वेद रत्न की डिग्री भी है। उन्होंने बताया कि जीएएमएस (ग्रेजुएट ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन सर्जरी) डॉ. कंवल कुमार मोहन उनके अस्पताल के विजिटिंग चिकित्सक हैं। उन्होंने डॉ. मोहन से किए गए अनुबंध भी टीम को दिए और बताया कि उनकी अनुपस्थिति में वह भी अस्पताल में मरीजों का उपचार करता है।
इसके बाद डॉ. केके मोहन को भी मौके पर बुला लिया और बताया कि वह धर्मपाल के जांगड़ा अस्पताल में वर्ष 2013 से विजिटिंग डॉक्टर के तौर पर कार्य कर रहा है। वह आयुर्वेदिक चिकित्सक है और एलोपैथी दवाइयों की जानकारी नहीं है, लेकिन धर्मपाल के पास एलोपैथी दवाइयों को अच्छी जानकारी है और मरीजों के उपचार में एलोपैथी दवाइयों का प्रयोग भी करते हैं।
दो अस्पतालों के लैटरहेड मिले
जांच के दौरान चार मरीजों के बेड, एक ऑक्सीजन सिलेंडर, जांगड़ा अस्पताल व सुखदा मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल का लैटरहेड मिला। पूछताछ के दौरान बताया कि सुखदा अस्पताल की डॉ. निधि मेहता हर बृहस्पतिवार को अस्पताल में आती है। अस्पताल में अजय मेडिसिन सेंटर के नाम से दुकान भी थी जिसके बाद एफडीए से जारी एक वैध लाइसेंस था। ओपीडी रजिस्टर, सीसीटीवी फुटेज की डीवीआर आदि भी टीम ने कब्जे में ले लिए।