असामाजिक तत्वों को भाजपा की शह, राहुल गांधी का हरियाणा में असर नहीं : दुष्यंत चौटाला
रोहतक, 5 जून ( हप्र)
बृहस्पतिवार को रोहतक स्थित जजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में पहुंचे दुष्यंत चौटाला ने भाजपा व कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पत्रकारों से बातचीत में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 1 साल 3 महीने पहले सीएम नायब सैनी ने एक भाषण में कहा था कि गुंडा तत्व हरियाणा छोड़ दो, वरना! लेकिन आज तक उस वरना का मतलब नहीं समझा पाए। वहीं, यमुनानगर, रोहतक व गुरुग्राम में असामाजिक तत्वों के कारण शराब के ठेके नहीं छूट रहे। क्योंकि कहीं न कहीं इन असामाजिक तत्वों को भाजपा सरकार व सीएम नायब सैनी की शय प्राप्त है, जो उन्हें बचा रहे हैं। दुष्यंत चौटाला ने सवाल उठाया कि ठेकों पर धमकियों की प्रक्रिया क्यों शुरू हुई। मनोहर लाल व उनके उपमुख्यमंत्री रहते हुए कभी ऐसा नहीं हुआ। अब एक साल में ऐसा क्या हो गया कि ठेकों की नीलामी तक नहीं हो रही। क्या अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया। इस मामले में सीएम नायब सैनी को जवाब देना चाहिए कि उन्हें ठेकेदारों व पुलिस के साथ बैठक क्यों लेनी पड़ी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राहुल गांधी के आने जाने से हरियाणा कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता। जो पार्टी 11 साल से जिला स्तर पर संगठन नहीं बना पाई, वो हल्का स्तर पर कैसे बनाएगी। जो आज तक विपक्ष का नेता नहीं चुन पाई, वो विधानसभा में कैसे अपना पक्ष देगी। सेंटर कमेटी के सामने गुटबाजी खत्म करने की बात करते हैं, इससे पता चलता है कि कांग्रेस कितनी कमजोर है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वह खुद कौन सा घोड़ा हैं, लंबी रेस, लंगड़ा या बाराती। नहीं तो कांग्रेस के कार्यकर्ता फैसला करेंगे कि वो कौन से घोड़े हैं। उनकी बातों से अब कोई फर्क नहीं पड़ता और न ही हरियाणा कांग्रेस को उनसे फर्क पड़ रहा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा से सेटिंग की। पुत्र मोह में फंसकर 5 सीटों पर भाजपा को किसने सपोर्ट किया। विधानसभा में कांग्रेस की आई हुई सरकार को किसने खोने का काम किया। हरियाणा में बाबू-बेटे ने कैसे कांग्रेस को बर्बाद किया, सभी को पता है। जेल जाने के डर से कांग्रेस की आई हुई सरकार को जाने दिया। कांग्रेस के नेता ही इसके बारे में बता देंगे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी भी एमएलए व एमपी पर कोई केस है, तो उसे फास्ट ट्रैक कर एक साल में निपटाया जाए, लेकिन भूपेंद्र हुड्डा के केस में पिछले 10 साल से तारीख लग रही है। अभी तक गवाहियां भी शुरू नहीं हुई, इससे पता चलता है कि भाजपा की बी टीम कौन है।