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राजकीय सम्मान के साथ एयरफोर्स जवान नवीन श्योराण को अंतिम विदाई, पंचतत्व में विलिन

काकड़ौली में लोगाें ने बाइक रैली निकाली, दी श्रद्धाजंलि
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चरखी दादरी के गांव काकड़ौली हुकमी में शहीद नवीन श्योराण को श्रद्धांजलि देने पहुंचे विधायक उमेद पातुवास। -हप्र
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चरखी दादरी, 30 अप्रैल (हप्र)

भारतीय वायुसेना के जवान नवीन श्योराण का मंगलवार देर रात गांव काकड़ौली हुकमी में राजकीय सम्मान के साथ स्थानीय प्रशासन और वायु सेना की टुकड़ी द्वारा पूरे सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। उनके भाई नितिन श्योराण ने शहीद को मुखाग्नि दी।

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देर रात जैसे ही बलिदानी का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

बाढ़डा कस्बा से लेकर गांव काकड़ौली तक बाइक रैली निकाली गई। इस दौरान नवीन श्योराण अमर रहे के नारे लगाए गए। रास्ते में लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए व वायु सेना की टुकड़ी द्वारा उन्हें सलामी दी गई। सेना के अधिकारी ने मृतक के पिता सतीश को तिरंगा सौंपा। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी बलिदानी को श्रद्धांजलि दी।

गांव के पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा, मा. जयदीप व देवराज ने बताया कि बलिदानी नवीन कुमार अप्रैल में ही 15 दिन पहले वह छुट्टी काटकर लद्दाख लौटे थे। लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान नदी पार करते समय नवीन शहीद हो गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लेह-लद्दाख में वीरगति को प्राप्त हुए हरियाणा के दादरी जिले के गांव काकड़ोली हुकमी नवीन श्योराण को नमन किया।

प्रभु से दिवंगत आत्मा को शांति व शोकाकुल स्वजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की। वहीं, बाढड़ा विधायक उमेद पातुवास व भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील इंजीनियर सहित अनेक राजनीतिक सहित विभिन्न संगठनों व आसपास के गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे। वहीं सांसद धर्मबीर सिंह, दादरी विधायक सुनील सांगवान, पूर्व सीपीएस रणसिंह मान, पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी, सोमबीर गागड़वास, दिग्विजय चौटाला इत्यादि ने शोक जताया है।

नवीन का अगस्त में दिल्ली होना था तबादला

बता दें कि गांव काकड़ौली हुकमी निवासी भारतीय वायुसेना के जवान नवीन श्योराण वर्ष 2020 से एयरफोर्स में देश की सेवा कर रहे थे। नवीन का अगस्त में दिल्ली में तबादला होना था। इससे पहले यह हादसा हो गया। नवीन के पिता सतीश काकड़ौली हुकमी गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं। मां अनीता आंगनबाड़ी वर्कर हैं। नवीन दो भाइयों में छोटे थे। उनके दादा धर्म सिंह भी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हवलदार हैं।

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