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फटा पोस्टर निकले मनरेगा मजदूर!

पैसों के लिए कार्टून के साथ फोटो खिंचवा किया भ्रष्टाचार
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सरकारी स्कूल के मेन गेट पर बना चित्र।
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रवि धालीवाल/ ट्रिन्यू

गुरदासपुर, 25 मईस्कूलों में दीवारों व पोस्टरों पर लिखे सुविचार और सीख-संदेश देते चित्र आपने भी देखे होंगे। लेकिन, इनसे कुछ अच्छा सीखने के बजाय कुछ लोगों ने इन्हें ही भ्रष्टाचार का जरिया बना दिया। हैरान करने वाला ऐसा मामला गुरदासपुर में सामने आया है। यहां की एक ग्राम पंचायत ने 'महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम' (मनरेगा) के तहत अतिरिक्त पेमेंट लेने के लिए, स्कूल के गेट पर बने कार्टून को ही मजदूर के रूप में पेश कर दिया। इससे भी हैरानी की बात यह कि इस चालाकी के चलते वह अतिरिक्त भुगतान पाने में सफल भी हो गये।इस पैंतरे से अफसर भी दंग हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी के पति अशोक चौधरी ने गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की अध्यक्षता में हुई जिला विकास समन्वय एवं निगरानी (दिशा) की बैठक में यह मुद्दा उठाया, तो कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया। सांसद रंधावा ने तुरंत गुरदासपुर के डीसी दलविंदरजीत सिंह को मामले की व्यापक जांच करने को कहा। साथ ही कलानौर और दीनानगर के एसडीएम को भी अपने-अपने क्षेत्रों में जांच करने के आदेश दिए गए हैं।यहां से 10 किलोमीटर दूर गाजीकोट के सरकारी स्कूल के मैदान में मिट्टी भराई और उसे समतल करने का काम 29 जनवरी से 12 फरवरी के बीच मनरेगा योजना के तहत हुआ था।

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लाभार्थियों ने अपनी संख्या ज्यादा दिखाने के लिए स्कूल के मुख्य गेट पर बने कार्टून के दोनों तरफ खड़े होकर फोटो खिंचवाये। इस तरह कार्टून को एक व्यक्ति के रूप में दिखाया गया। बाद में इन तस्वीरों को ऑनलाइन अपलोड कर मनरेगा कर्मियों की उपस्थिति दिखाई गई। इसके बाद ही भुगतान किया गया। एक फोटो में नौ लोग कार्टून के साथ खड़े दिखाई दे रहे थे, जबकि दूसरे में छह लोग, दोनों मामलों में क्रमश: दस और सात लोगों के खातों में भुगतान किया गया।

जिन दो लोगों की जगह कार्टून से काम चलाया गया, उनका नाम अजीत सिंह और बलबीर सिंह है। बताया जाता है कि दोनों भाई हैं और पंचायत के कुछ सदस्यों के करीबी हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि मनरेगा के तहत स्कूलों में काम करवाना आम बात है। ऐसी संभावना है कि पहले भी इस तरह की लूट होती रही हो, दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

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