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पुलिस अधिकारी को कोर्ट जाने के लिए मिले तीन दिन

पटियाला में सैन्य अफसर से दुर्व्यवहार का मामला, सीसीटीवी फुटेज का दिया हवाला, दूसरे पक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 2 अप्रैल

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पुलिस अधिकारी रोनी सिंह सलहागे द्वारा सेना अधिकारी पर हमला मामले में अग्रिम जमानत मांगने के एक दिन बाद, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को उनकी गिरफ्तारी पर तीन दिन की रोक लगा दी, ताकि वह सत्र न्यायालय जा सकें। जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने मामले का निपटारा भी कर दिया।

याचिकाकर्ता ने खुद को ‘बेदाग सेवा रिकॉर्ड वाला एक समर्पित पुलिस अधिकारी’ बताते हुए मामले में गलत फंसाए जाने का दावा किया। घटनाक्रम का विवरण देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने पुलिस टीम के साथ मिलकर एक वांछित ड्रग तस्कर के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद पटियाला में राजिंदरा अस्पताल के पास छापेमारी की। उन्होंने आरोप लगाया, ‘इस अभियान के दौरान, उन्हें सार्वजनिक स्थान पर शराब पीते और अस्पताल तक पहुंचने में बाधा डालते हुए कुछ लोग मिले। जब उनसे विनम्रतापूर्वक रास्ता खाली करने के लिए कहा गया, तो कर्नल पुष्पिंदर बाथ और उनके बेटे सहित इन लोगों ने आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया की, याचिकाकर्ता पर हमला किया और सार्वजनिक उपद्रव किया।’ उन्होंने कहा कि घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और मेडिकल तथा प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई, जिसके परिणामस्वरूप हमलावरों के खिलाफ जवाबी एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद, एक भ्रामक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया गया, जिसमें तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और याचिकाकर्ता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया गया, यहां तक ​​कि उनके सद्भावना माफीनामे को अपराध स्वीकारोक्ति के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।

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