केंद्र से बातचीत को किसान प्रतिनिधिमंडल के नाम जल्द होंगे तय
संगरूर, 3 फरवरी (निस)
खनौरी बार्डर किसान मोर्चे पर जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 70वें दिन भी जारी रहा। कल देर रात मोर्चा पर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा दोनों मंचों की बैठक हुई, जिसमें 11 फरवरी को किसानों और मजदूरों की सही मांगों को लेकर आंदोलन के एक साल पूरा होने पर चर्चा की गई। 12 फरवरी को खनौरी और 13 फरवरी को शंभू किसान मोर्चे पर आयोजित होने वाली किसान महापंचायतों की व्यवस्थाओं से संबंधित दायित्वों एवं मोर्चे की आगामी रणनीति एवं भावी कार्यक्रमों के संबंध में चर्चा की गई। किसान नेताओं ने कहा कि 14 फरवरी को सरकार के साथ बातचीत की रणनीति का इंतजार करने के लिए जल्द ही दोनों मंचों की दोबारा बैठक होगी और उस बैठक में सरकार के साथ बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल के नाम तय किए जाएंगे। किसान नेताओं ने बताया कि 11 फरवरी को रतनपुरा मोर्चे पर होने वाली महापंचायत में जाने के लिए मोर्चों द्वारा पंजाब और हरियाणा के रतनपुरा किसान मोर्चे से सटे इलाकों में बैठकें कर ड्यूटियां लगाई जा रही हैं।
11 फरवरी को बड़ी संख्या में किसान रतनपुरा (राजस्थान) में महापंचायत में पहुंचेंगे।
‘मांगें नहीं मानीं तो करेंगे दिल्ली कूच’
राजपुरा (निस) : केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किसानों का मोर्चा लगातार उग्र होता जा रहा है। पिछले वर्ष 13 फरवरी से सैकड़ों किसान राजपुरा के शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। किसानों ने शम्भू बार्डर पर 13 फरवरी को होने वाली महापंचायत की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस धरने का मुख्य संचालन सरवन सिंह पंढेर कर रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी द्वारा 24 घंटे लंगर चलाया जा रहा है, जिसमें रोजाना हजारों किसान और स्थानीय लोग भोजन ग्रहण कर रहे हैं। वहां मौजूद किसानों का कहना है कि वह अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक वे धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। किसानों की प्रमुख मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, और कृषि कानूनों में संशोधन शामिल हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे दिल्ली की ओर कूच करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।