केमिकल 999 व बिजली तारों के संपर्क से हुआ था धमाका
डबवाली (लंबी), 2 जून (निस)
गांव फतूहीवाला में अवैध पटाखा फैक्टरी के घायल कारीगरों ने फैक्टरी की कार्यप्रणाली पर कई खुलासे किए हैं। कारीगरों के अनुसार फैक्टरी में ‘माचिस’ के पटाखे बनाने के लिए तथाकथित विदेशी केमिकल 999 का इस्तेमाल किया जाता था। घायल प्रवासी मजदूरों के अनुसार, खराब मौसम के बिजली तारों की चिंगारी व केमिकल 999 संपर्क में आने से फैक्टरी में विस्फोट हुआ। यह केमिकल ठेकेदारों के जरिये चीन से आयात किया जाता है। कई माह से खतरनाक केमिकल क्षेत्र में पहुंच रहा है। करीब 55 प्रवासी कारीगर बिना पुलिस वेरिफिकेशन के क्षेत्र में काम करते रहे।
घायल मजदूरों ने दावा किया कि फैक्टरी में प्रतिदिन विभिन्न ब्रांडों के करीब 15-16 लाख रुपये के माचिस पटाखे बनते थे। इनकी सप्लाई देहरादून व जयपुर में की जाती थी। पटाखे बनाने में 999 केमिकल के अलावा जूट, सल्फर, कोयले का इस्तेमाल होता था।
सिविल अस्पताल बादल में पटाखा कारीगर मोहित भारती (हाथरस) ने बताया कि घटना के वक्त वह फैक्टरी के सामने खेत में जाग रहा था। खराब मौसम के चलते उसने बिजली के तार की चिंगारी देख नाइट शिफ्ट के 15 कारीगरों को सूचना दी। जब तक कारीगर पटाखा यूनिट से बाहर आए, तब तक तरंगों के प्रभाव ने विस्फोट का रूप ले लिया। मोहित भारती ने बताया कि फैक्टरी दिसंबर 2024 से चल रही थी।
घायल कारीगर टिंकू ने बताया कि यहां हर दिन 15-16 लाख रुपये के माचिस पटाखों का निर्माण होता था। 20 दिन पूर्व काम पर आए घायल मजदूर इमरान ने बताया कि इससे पूर्व वह फरीदाबाद में पटाखों की पैकिंग करता। थाफतूहीवाला में बिना किसी सुरक्षा मानकों के जुगाडू तरीके से एक ही जगह पर पटाखों का निर्माण व पैकिंग की जा रही थी। इमरान के मुताबिक उसे 480 डिब्बों की पैकिंग के लिए 150 रुपये मजदूरी मिलती थी। वह रोजाना 30 डिब्बे पैक करता था। सभी उसे एक भी रुपया मजदूरी नहीं मिली।
सह-आरोपी ठेकेदार राजकुमार गिरफ्तार
फैक्टरी विस्फोट मामले में आरोपी ठेकेदार राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। मलोट में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सुमनदीप कौर की अदालत ने उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इससे पहले फैक्टरी मालिक आप नेता तरसेम सिंह व उसके बेटे नवराज सिंह को गिरफ्तार किया गया था। दोनों पिता-पुत्र चार दिन के पुलिस रिमांड पर हैं।