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कहानीकार किरपाल कज़ाक को किया सम्मानित

समराला, 18 फरवरी (निस) साहित्य सभा समराला द्वारा सभा के संस्थापक चेयरमैन, कहानीकार सुखजीत की याद में आयोजित कार्यक्रम सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल समराला में एडवोकेट नरिंदर शर्मा, प्रो. गुरभजन सिंह गिल, डॉ. सुरिंदर कुमार द्वेश्वर, जंग बहादुर गोयल, डॉ....
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साहित्य समागम में उपस्थित साहित्यकार, लेखक व पाठक।
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समराला, 18 फरवरी (निस)

साहित्य सभा समराला द्वारा सभा के संस्थापक चेयरमैन, कहानीकार सुखजीत की याद में आयोजित कार्यक्रम सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल समराला में एडवोकेट नरिंदर शर्मा, प्रो. गुरभजन सिंह गिल, डॉ. सुरिंदर कुमार द्वेश्वर, जंग बहादुर गोयल, डॉ. गुरनाम कौर, डॉ. सुरजीत सिंह, प्रवेश शर्मा, शायर विजय विवेक, डॉ. परमजीत और कहानीकार बलविंदर गरेवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सभा के अध्यक्ष सिमरजीत सिंह कंग ने की। इस दौरान कहानी के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले तथा भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता किरपाल कज़ाक को ‘सुखजीत यादगारी अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कहानीकार सुखजीत के परिवार से उनकी पत्नी गुरदीप कौर और भाई ऊधम सिंह भी मौजूद रहे। डॉ. सुरिंदर कुमार द्वेश्वर द्वारा पंजाबी और अंग्रेज़ी में लिखी समीक्षात्मक पुस्तक ‘सुखजीत दीयां कहाणियां पढ़दियां’ सभा में समर्पित की गई। सुखजीत की लेखन प्रक्रिया और व्यक्तित्व पर बोलते हुए गुरभजन गिल ने कहा कि सुखजीत एक अनुशासनप्रिय और तपस्वी कहानीकार थे।

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डॉ. सुरिंदर कुमार द्वेश्वर ने कहा कि सुखजीत की विशेषता यह थी कि वे अनुभव के आधार पर अध्ययन, चिंतन और मंथन कर अनुशासित ढंग से कहानियों का सृजन करते थे। मंच संचालन का कार्य कहानीकार यतिंदर कौर माहल ने बखूबी निभाया।

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