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झाड़ साहिब कॉलेज में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर विशेष ध्यान

बसों के माध्यम से 200 गांवों से पढ़ने आती हैं छात्राएं: डॉ. रजिंदर कौर
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सुरजीत सिंह/निस

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समराला, 15 जुलाई

कॉलेज से पास आउट होने के बाद अगर छात्रों में आत्मनिर्भरता का आत्मविश्वास नहीं जागा, तो उनका आगे का जीवन-पथ कठिन हो जाता है। यह विचार आज श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज फॉर वूमेन, झाड़ साहिब की प्रिंसिपल डॉ. रजिंदर कौर ने ‘दैनिक ट्रिब्यून’ से विशेष बातचीत के दौरान व्यक्त किए। यह कॉलेज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर के संरक्षण में संचालित होता है। उन्होंने कहा कि आज जब रोजगार की तलाश में अधिकांश छात्र विदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं और उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्रों की कमी के कारण अपने अस्तित्व को बचाना मुश्किल हो रहा है, उस समय झाड़ साहिब कॉलेज में अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी वजह से कॉलेज पास करने के बाद छात्राओं के लिए आत्मनिर्भर बनने में कोई संकट नहीं आता।

उन्होंने बताया कि लुधियाना, नवांशहर और फतेहगढ़ साहिब जिलों के लगभग 200 गांवों से छात्राएं कॉलेज द्वारा उपलब्ध बसों के माध्यम से पढ़ने आती हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नए सत्र के लिए दाखिले शुरू हो चुके हैं और दूर-दराज़ के इलाकों से छात्राएं स्वयं पहुंचकर दाखिले ले रही हैं। प्रिंसिपल ने बताया कि शिरोमणि कमेटी द्वारा छात्राओं के लिए वजीफे (छात्रवृत्तियां) भी प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज में आधुनिक सुविधाओं से युक्त क्लासरूम, खेल स्टेडियम, पुस्तकालय और भव्य सेमिनार हॉल उपलब्ध कराए गए हैं। सभी शिक्षक उच्च योग्यता प्राप्त और मेहनती हैं, जो छात्राओं में छिपी प्रतिभा को निखारने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेज में आत्मरक्षा, संगीत, कंप्यूटर, बेकरी, फैशन डिजाइनिंग और व्यक्तित्व विकास संबंधी गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप छात्राओं ने खेल, धार्मिक गतिविधियों और सांस्कृतिक क्षेत्र में राष्ट्रीय और विश्वविद्यालय स्तर पर अच्छा नाम कमाया है।

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