वीरेन्द्र प्रमोद/ निस
लुधियाना, 11 जून
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के पूर्व विधायक और लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरजीत सिंह बैंस की वह याचिका शुक्रवार को ठुकरा दी थी जिसमें कथित बलात्कार के एक मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित करने के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। अदालत ने बैंस की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी।
लोक नायक से भगौड़ा बने पूर्व विधायक बैंस का सियासी सफर बड़ा दिलचस्प है । एक समय था जब बैंस लुधियाना में इतने लोकप्रिय और ताकतवर नेता थे कि उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य अपने भाई बलविंदर सिंह बैंस को लुधियाना से दो बार विधायक बना दिया और स्वयं लुधियाना (आत्म नगर) क्षेत्र से जीत प्राप्त करते रहे। लेकिन 2022 के चुनाव में बैंस बंधुओं की जमानतें जब्त हो गई । सिमरजीत सिंह बैंस पंजाब के पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने यहां गिल रोड स्थित कोट मंगल सिंह में अपने आवास पर जनता के लिए सरकारी तर्ज पर एक सुविधा केंद्र स्थापित किया था जहां औसतन प्रति दिन 300 व्यक्ति नगर निगम, राजस्व और पुलिस विभाग से संबंधित कार्य करवाते थे। दो बार विधायक रहे बैंस ने पिछला लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। बैंस मंझे हुये राजनेता माने जाते हैं। आम आदमी पार्टी और सिद्धू की अवाज – ए – पंजाब पार्टी से नाता तोड़ने के बाद बैंस के साथी टूटने लगे और एकजुट होकर उनके खिलाफ डट गये। इसके बाद एक महिला के दुष्कर्म के आरोप से वह इस कदर घिरे कि अब उन्हें भगौड़ा तक करार दिया जा चुका है।