चंडीगढ़, 8 नवंबर (एजेंसी)
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि 2015 में हुई कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी की घटना में आरोप पत्र कहां है? सिद्धू ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि कोटकपूरा घटना की जांच छह महीने के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए। उन्होंने पूछा, ‘आज छह महीने और एक दिन बीत गया। (मामले में) आरोप पत्र कहां है।’ उन्होंने यह भी पूछा कि गोलीबारी की घटना के एक आरोपी पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को मिली जमानत के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई? हाईकोर्ट ने अप्रैल में पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा 2015 कोटकपूरा में सिख प्रदर्शनकारियों की एक सभा में हुई गोलीबारी संबंधी घटना की जांच को रद्द कर दिया था। सिख प्रदर्शनकारी उस वर्ष फरीदकोट में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। अदालत ने तत्कालीन आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली एसआईटी जांच को रद्द कर दिया था। बाद में उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सात मई को नई एसआईटी का गठन किया गया था। कोटकपूरा गोलीबारी की घटना की जांच के लिए नई एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एलके यादव ने किया। राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं और इसके बाद 2015 में फरीदकोट में इस मुद्दे पर विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी से संबंधित घटनाएं हुई थी। पुलिस गोलीबारी की एक घटना कोटकपूरा में और दूसरी फरीदकोट के बहिबल कलां में हुई थी। सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता एपीएस देओल और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक आईपीएस सहोता की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं।
लखीमपुर में मारे गए किसानों को दी श्रद्धांजलि
पिछले महीने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों और एक पत्रकार को सोमवार को पंजाब विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई। अमरेंद्र सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला विधानसभा सत्र है। सदन ने पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां, पूर्व संसदीय सचिव रवींद्र सिंह संधू, नायब सूबेदार जसविंदर सिंह, सिपाही मंजीत सिंह, इफ्को अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई और स्वतंत्रता सेनानियों निरंजन सिंह और अविनाश चंद्र को श्रद्धांजलि दी। सदन ने सिपाही गज्जन सिंह और स्वतंत्रता सेनानी अर्जन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी। शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने गत 3 अक्तूबर को लखीमपुर में मारे गए चार किसानों और एक पत्रकार का नाम श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्तावित किया।
अधिसूचना को चुनौती क्यों नहीं दी : तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले की पृष्ठभूमि में सोमवार को राज्य की अपनी ही पार्टी की सरकार को निशाने पर लिया और सवाल किया कि अब तक केंद्र की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं दी गई? लोकसभा सदस्य तिवारी ने यह भी पूछा कि क्या केंद्र की अधिसूचना का विरोध करना एक दिखावा मात्र है? उन्होंने ट्वीट किया, ‘पंजाब में बीएसएफ को सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में मिले अधिकार क्षेत्र से जुड़ी केंद्र की अधिसूचना को करीब एक महीने हो गए। पंजाब सरकार की ओर से अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में इस अधिसूचना को चुनौती क्यों नहीं दी गई? क्या विरोध सिर्फ एक दिखावा मात्र है?’
रंधावा का दामाद लहल बना एएजी
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद सहित दो वकीलों को सोमवार को राज्य में अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया, जिसकी विपक्षी आम आदमी पार्टी ने कड़ी आलोचना की। एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक अधिवक्ता तरूण वीर सिंह लहल और मुकेश चंद्र बेरी को महाधिवक्ता पंजाब के कार्यालय में तत्काल प्रभाव से अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है। लहल, रंधावा के दामाद हैं। रंधावा के पास गृह विभाग का भी प्रभार है। आप नेता राघव चड्ढा ने लहल की नियुक्ति पर राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के मंत्रियों एवं विधायकों के परिवार के सदस्यों को ही प्रदेश में नौकरी मिल रही है। चड्ढा ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस ‘हर घर नौकरी’ के अपने मुख्य चुनावी वादे में थोड़ा बदलाव कर उसे पूरा कर रही है। इन नौकरियों को पाने वाले लोग कांग्रेस मंत्रियों व विधायकों के परिवार के सदस्य हैं। नये लाभार्थी उपमुख्यमंत्री रंधावा के दामाद हैं। (मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह) चन्नी, कैप्टन (अमरेंद्र सिंह) की विरासत को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।’
कांग्रेस में तनाव के बीच चन्नी-सिद्धू मुलाकात
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने सोमवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की। सरकारी नियुक्तियों पर चन्नी और सिद्धू के बीच उपजे विवाद के बीच यह बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि सिद्धू के नजदीकी माने जाने वाले मंत्री परगट सिंह भी बैठक में मौजूद थे। बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान, सिद्धू ने राज्य के महाधिवक्ता एपीएस देओल और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति का मुद्दा उठाया। गत सप्ताह सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है लेकिन वह कार्यभार उसी दिन संभालेंगे जब देओल के स्थान पर किसी और को महाधिवक्ता बनाया जाएगा और नये डीजीपी के लिए संघ लोक सेवा आयोग से एक पैनल आयेगा।