संयुक्त किसान मोर्चा 14 को युद्धरत ताकतों के खिलाफ शांति मार्च निकालेगा
बठिंडा, 11 मई (निस)
भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को दोनों देशों के सीमावर्ती राज्यों के लोगों के लिए बड़ी राहत बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब ने 14 मई को जिला केंद्रों में युद्धरत ताकतों के खिलाफ शांति मार्च निकालने का आह्वान किया है।
पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की, साथ ही हमलों के दौरान हुए जान-माल के नुकसान के लिए मुआवजा देने और घायलों के लिए मुफ्त इलाज का प्रावधान करने की मांग की।
बैठक में पंजाब के न्यायप्रिय और लोकतांत्रिक क्षेत्रों से अपील की गई है कि वे 14 मई को युद्धरत ताकतों के खिलाफ शांति मार्च में शामिल हों। यह फैसला आज लुधियाना में किसान नेताओं डॉ. सतनाम सिंह अजनाला, सुखदेव सिंह अरायांवाला और गुरमीत सिंह महिमा ने लिया।
आज की बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति तथा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड द्वारा पंजाब पर हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए दबाव बनाने के प्रयासों पर गहन चर्चा हुई।
बैठक में केंद्र सरकार के इशारे पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड द्वारा पानी के मामले में पंजाब के साथ की जा रही धक्केशाही के खिलाफ सख्त चेतावनी दी गई तथा कहा गया कि अगर केंद्र सरकार व भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के मामले पर पुनर्विचार नहीं किया तो संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन शुरू करने से पीछे नहीं हटेगा। बैठक में पंजाब सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में बांध सुरक्षा अधिनियम को निरस्त करने का प्रस्ताव न लाने पर कड़ी आलोचना की गई।
आज की बैठक में जोगिंदर सिंह उगराहां, बूटा सिंह बुर्जगिल, निर्भय सिंह ढुडीके, अवतार सिंह महलों, बलदेव सिंह निहालगढ़, रुलदू सिंह मानसा, रूप बसंत सिंह वड़ैच, अंग्रेज सिंह भदौर, वीर सिंह बरवा, हरबंस सिंह संघा, कुलदीप सिंह ग्रेवाल, रमिंदर सिंह पटियाला, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, झंडा सिंह जेठूके और गुरनाम सिंह भीखी आदि मौजूद थे।