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भाखड़ा नहर में चूहों ने पैदा की दरार, समय पर कार्रवाई से टली बाढ़

जल संसाधन मंत्री बरिंदर गाेयल ने सभी नहरों के निरीक्षण का दिया आदेश
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अमन सूद/ट्रिन्यूपटियाला, 24 मई

शायद अब समय आ गया है कि पंजाब सिंचाई विभाग अपनी नहरों को चूहों से बचाकर रखे। दरअसल में पटियाला के पासियाना गांव के पास भाखड़ा मेन लाइन में चूहों ने दरार पैदा कर दी। इस दरार का पता समय से चल गया, जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया। इससे बाढ़ की स्थिति टल गई और आस-पास के कई एकड़ खेतों में बचा लिया गया। सिंचाई अधिकारियों ने दरार के लिए चूहों को दोषी ठहराया। बाद में, पंजाब के दो कैबिनेट मंत्रियों ने दरार वाली जगह का दौरा किया और अधिकारियों को चूहों की समस्या से उचित तरीके से निपटने के निर्देश दिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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एक अधिकारी ने कहा कि नहर के आस-पास सैकड़ों चूहे नहर के किनारे की दीवारों में बिल बनाते रहते हैं और पानी का स्तर कम होने पर गहराई तक बिल बना देते हैं। गहरे बिलों से नहर के किनारे की दीवारें कमजोर हो जाती हैं, जिससे इन छेदों से पानी निकल सकता है। पटियाला में भी ऐसा ही हुआ।

पंजाब के जल संसाधन और मृदा एवं जल संरक्षण मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने शनिवार को सिंचाई विभाग को राज्य भर में सभी नहरों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया, क्योंकि चूहे कम पानी के प्रवाह के दौरान गहरे बिल बनाते हैं।

कैबिनेट मंत्री ने संतोष जताया कि विभाग की सतर्कता के कारण भाखड़ा मेन लाइन में रिसाव की पहचान कर ली गई और समय रहते उसे बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हाल ही में मरम्मत कार्य के लिए नहर में पानी का स्तर कम किया गया था और जब 21 मई को फिर से पानी छोड़ा गया तो पासियाना के पास रिसाव का पता चला। अधिकारी पूरी नहर लाइन का निरीक्षण कर रहे हैं और अगर कोई कमजोर तटबंध पाया जाता है तो उसकी मरम्मत की जाएगी। चूहों ने नहर के किनारों के पास गहरे बिल खोद लिए हैं, जिससे किनारों के पास मिट्टी खोखली हो गई है। इससे नहर में दरार पड़ सकती है।

सिंचाई विभाग के एक पूर्व मुख्य अभियंता ने कहा कि इन बिलों में कई प्रवेश और निकासी द्वार होते हैं, जिससे किनारों के अंदर कई बिल बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि चूहे के बिल का मुख्य प्रवेश द्वार आमतौर पर 2 से 4 इंच का होता है और यह खुलने के आसपास फैलता है। उन्होंने कहा कि नियमित निरीक्षण महत्वपूर्ण है।

पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि अधिकारियों को चूहों के खतरे से छुटकारा पाने के लिए एक पेशेवर एजेंसी को काम पर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी रिसाव का मुख्य कारण नहर के किनारों पर चूहों द्वारा बिल खोदना है। उन्होंने कहा कि अनाज और चावल को नहरों के किनारों के पास रखने की आदत के कारण वहां चूहे ज्यादा हो जाते हैं। चूहे इस भोजन को जमा कर लेते हैं, जिससे नहर की संरचना अंदर से कमज़ोर हो जाती है और पानी के रिसाव या टूटने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अचूक तरीकों का इस्तेमाल करना ज़रूरी है।

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