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दिनभर बसों के लिए भटकते रहे लोग, निजी बसों की रही चांदी

रेगुलर करने की मांग, रोडवेज के कच्चे कर्मचारी 3 दिन की हड़ताल पर
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बरनाला में सोमवार को मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रोडवेज के कच्चे कर्मचारी।-निस
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संगरूर/ बठिंडा/ लुधियाना, 6 जनवरी (निस)

पंजाब में पीआरटीसी, पनबस और‌ रोडवेज के कच्चे व आउटसोर्स कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नौकरी नियमित करने सहित अन्य मांगों को लेकर करीब आठ हजार कर्मचारियों ने बसों का चक्का जाम रखा। कर्मचारी नेताओं ने ऐलान किया कि मंगलवार को संगरूर और चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के आवास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। हड़ताल से संगरूर डिपो में करीब 100 रूट प्रभावित हुए। लुधियाना में हड़ताल का आंशिक असर देखने को मिला। नियमित कर्मचारियों ने सेवा जारी रखी। निजी बस चालकों ने भी हड़ताल का फायदा उठाते हुए चांदी कूटी।

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बरनाला बस स्टैंड पर धरने को संबोधित करते हुए यूनियन के जिला प्रधान निरपाल सिंह ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बने 3 साल बीत चुके हैं लेकिन इन सालों में एक भी मुलाजिम पक्का नहीं किया गया, न ही ठेकेदारी सिस्टम खत्म किया गया। ट्रांसपोर्ट विभाग में 400 बसों की हालत खस्ता है। विभाग में एक भी नयी बस नहीं डाली गई है। पड़ोसी राज्यों हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश में कच्चे मुलाजिमों को पक्का कर दिया गया है। पंजाब में कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की बजाय सरकार द्वारा उमादेवी जजमेंट का बहाना बनाकर टालमटोल की जा रही है। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर ट्रांसपोर्ट मंत्री समेत विभिन्न नेताओं से यूनियन की बैठकें हो चुकी हैं लेकिन कुछ नहीं मिला है। गत 9 फरवरी को ट्रांसपोर्ट मंत्री ने उनकी मांगों के समाधान के लिए कमेटी गठित कर दो माह में मांगों को हल करने का आश्वासन दिया था लेकिन 7 मांगों में से एक भी मांग पूरी नहीं की गई। उन्होंने मांग की कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, किलोमीटर स्कीम बंद की जाए, आउटसोर्स भर्ती बंद की जाए, नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को बहाल किया जाए, 10 हजार नई बसें डाली जाएं, कर्मचारी विरोधी शर्तें रद्द की जाएं।

पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी समेत राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन सेवा के ठेका और आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल का आज आंशिक असर देखने को मिला। नियमित कर्मचारियों और निजी कंपनियों की बसों की मदद से कुछ बसें लुधियाना बस स्टैंड से दिल्ली और चंडीगढ़ समेत कई अन्य लंबे रूटों पर यात्रियों को लेकर रवाना हुईं। हालांकि, ग्रामीण रूटों पर हड़ताल का बुरा असर पड़ा क्योंकि शाम तक माछीवाड़ा, पायल, फाजिल्का, अपरा, पायल, अहमदगढ़, रायकोट इत्यादि कस्बों के लिए कोई बस सवारियां लेकर रवाना नहीं हुई। इसके चलते बस अड्डे पर यात्री बस की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकते रहे। ठेका और आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन पंजाब के राज्य महासचिव शमशेर सिंह ने कहा कि ऐसे सभी आठ हजार कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी कल चंडीगढ़ जाएंगे और पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के सामने प्रदर्शन करेंगे।

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