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कानून व्यवस्था और बढ़ते कर्ज पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

चंडीगढ़, 1 सितंबर (एजेंसी) पंजाब विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र दो सितंबर से शुरू होगा। जिसके हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्षी दल कानून-व्यवस्था और प्रदेश पर बढ़ते कर्ज पर आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को घेरने...
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पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रदेश के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा। -पीटीआई फ़ाइल
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चंडीगढ़, 1 सितंबर (एजेंसी)

पंजाब विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र दो सितंबर से शुरू होगा। जिसके हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्षी दल कानून-व्यवस्था और प्रदेश पर बढ़ते कर्ज पर आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को घेरने की तैयारी में है। विधानसभा का सत्र श्रद्धांजलि के साथ शुरू होगा और 4 सितंबर को समाप्त होगा। कांग्रेस नेता और विधायक अरुणा चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाएंगी। उन्होंने कहा कि बिगड़ती कानून-व्यवस्था सबसे बड़े मुद्दों में से एक है। राज्य में हर दिन छीना-झपटी, चोरी और जबरन वसूली से जुड़ी घटनाएं हो रही हैं। दीनानगर की विधायक चौधरी ने प्रदेश की हर महिला को एक हजार रुपए देने का वादा पूरा न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने महिलाओं के साथ धोखा किया है।

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कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह कोटली ने कहा कि आप सरकार ने राज्य में 18 कॉलेज स्थापित करने का वादा किया था। आप शासन के ढाई साल बीत चुके हैं लेकिन वे एक भी कॉलेज स्थापित करने के लिए सरकार आज तक जमीन नहीं खरीद सकी। कोटली ने कहा कि सत्र की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि तीन दिवसीय सत्र बहुत छोटा है। उन्होंने कहा कि जब आप सत्ता में नहीं थी तो वह सदन में लोगों के मुद्दों पर चर्चा के लिए लंबे सत्र की मांग करती थी।

भाजपा विधायक जंगी लाल महाजन ने कहा कि वह राज्य में चल रहे कथित अवैध रेत खनन का मुद्दा उठाएंगे। कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने आप सरकार पर विधानसभा को केवल तीन दिनों तक सीमित कर इसके महत्व को खत्म करने का आरोप लगाया।

खैरा ने ‘एक्स' पर लिखा

‘सरकार ने लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ विधानसभा के महत्व को नष्ट कर दिया है, इसकी बैठकों को लगभग नगण्य कर दिया है, जिससे किसी भी सार्थक बहस के लिए कोई गुंजाइश नहीं बची है।'

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