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Operation Sindoor : सुरक्षा की तलाश.... पंजाब के कुछ सीमावर्ती गांवों के लोगों ने सेफ स्थानों का किया रुख

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित अमृतसर व तरनतारन के गांवों में स्थिति शांत
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अमृतसर/तरनतारन/फिरोजपुर, 7 मई (भाषा)

Operation Sindoor : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पंजाब के फिरोजपुर जिले के कुछ सीमावर्ती गांवों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है। हालांकि पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित अमृतसर व तरनतारन के गांवों में स्थिति शांत है और लोग रोजमर्रा के अपने काम करते नजर आए।

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भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं। फिरोजपुर के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने सामान स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। हालांकि सीमा सुरक्षा बल, भारतीय सेना या किसी भी सरकारी एजेंसी ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया है।

सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्णय उन्होंने स्वंय लिया है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को देखते हुए। फिरोजपुर के टेंडी वाला, कालू वाला, गट्टी राजो के, झुग्गे हजारा, नवी गट्टी राजो के, गट्टी रहीमे के, चांडीवाला, बस्ती भानेवाली, जल्लो गांव के लोग सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण ले रहे हैं। ममदोट क्षेत्र के गांव बबम्मा हाजी निवासी कक्कू सिंह (63) ने बताया कि वह कालू वाला में विवाहित अपनी दो बेटियों से मिलने आए थे। कालू वाला गांव तीन तरफ से सतलुज नदी से तथा चौथी तरफ से पाक से घिरा हुआ है।

कक्कू सिंह ने कहा कि सुबह-सुबह जब मैंने भारत की कार्रवाई की खबर सुनी तो मुझे अपनी बेटी और उनके परिवार की चिंता हुई। अब मैं यहां सिर्फ उनसे मिलने ही नहीं आया हूं बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहता हूं कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तो वे मेरे साथ मेरे गांव चलें। टेंडी वाला गांव की बुजुर्ग महिला पाछो बाई (58) अपनी बहू के साथ कपड़े बांध रही थीं। बाई ने कहा कि उन्हें चिंता हो रही है क्योंकि उनका घर अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ दो किमी दूर है। हमारे परिवार में 6 लोग हैं।

मेरा पति और बेटा अभी काम पर गए हैं। हम जल्द ही किसी रिश्तेदार के घर जाने के बारे में सोच रहे हैं। इसलिए मैं सामान बांध रही हूं। कुछ ग्रामीण अपना सामान जैसे बिस्तर, कूलर, वाशिंग मशीन, फ्रिज, अनाज रखने वाले 'कंटेनर' ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर लादकर अपने रिश्तेदारों के पास ले जाते हुए नजर आए। कई ग्रामीण ऐसे भी हैं जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद अपना हौसला बनाए हुए हैं। टेंडी वाला गांव के सुरजीत सिंह ने कहा कि उन्हें भारतीय सेना पर गर्व है।

फिरोजपुर की उपायुक्त दीपशिखा शर्मा ने बुधवार को कहा कि जिले में अभी तक घबराने की कोई बात नहीं है। न तो सेना और न ही जिला प्रशासन ने सीमावर्ती गांवों को खाली कराने के लिए कोई निर्देश जारी किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पूरा प्रशासन पूरी तरह सतर्क और तैयार है। अमृतसर और तरनतारन जिलों के सीमावर्ती गांवों में स्थिति शांत है।

तरनतारन के सीमावर्ती गांव चिन्ना बिधि चंद के निवासी गुरमीत सिंह ने बताया कि गांव में किसी तरह की दहशत नहीं है। स्कूल बंद होने के कारण बच्चे अपने घरों में हैं। तरनतारन के सीमावर्ती गांव नौशहरा ढल्ला के रहने वाले सुच्चा सिंह ने कहा कि लोग अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त हैं और किसान अपने खेतों में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी सरकारी अधिकारी ने लोगों को उनके घरों को छोड़ने या सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए नहीं कहा है।

तरनतारन जिले के सीमावर्ती गांव के एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि किसी ने उन्हें घर छोड़ने के लिए नहीं कहा। ग्रामीण ने कहा, ‘‘गांव में स्थिति शांतिपूर्ण है। अमृतसर जिले के अटारी, महावा, पुल मोहरा और भिखविंड के सीमावर्ती गांवों में भी स्थिति शांत नजर आई। अटारी में एक ग्रामीण ने बताया कि उन्हें दूसरी जगहों से रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं और वे स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं।

उन्होंने बताया कि स्थिति शांतिपूर्ण है और वे बिल्कुल भी डरे हुए नहीं हैं। हालांकि, जिन किसानों के खेत कंटीले तारों वाली बाड़ से परे हैं, उन्हें अपने खेतों में जाने की अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि अमृतसर और तरनतारन जिलों की सभी सीमाओं (भारत-पाकिस्तान से जुड़ी सीमा) पर गेट बंद हैं।

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