संगरूर, 17 मई (निस)
पंजाब सरकार की शिक्षा क्रांति राज्य में फेल होती नज़र आ रही है। 12 वीं कक्षा के नतीजों की मेरिट सूची में स्कूल ऑफ एमिनेंस के केवल 2 विद्यार्थी ही अपना नाम शामिल करवाने में सफल हुए हैं। पिछले दिनों पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 12वीं के नतीजों की मेरिट सूची में स्कूल ऑफ एमिनेंस के विद्यार्थियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। बोर्ड द्वारा जारी मेरिट सूची में शामिल 290 विद्यार्थियों में से स्कूल ऑफ एमिनेंस से केवल 2 विद्यार्थी ही सफल हुए हैं। हालांकि, मालवा के निजी स्कूलों से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के मेरिट सूची में शामिल होने से शिक्षक समुदाय में विभिन्न चर्चाएं छिड़ गई हैं। यहाँ बताना जरुरी है कि सरकार ने पंजाब के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 117 उत्कृष्ट विद्यालय खोले हैं, जो विद्यार्थियों को निजी स्कूलों के बराबर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। दावा किया गया कि इन स्कूलों में शिक्षकों और व्याख्याताओं की कोई कमी नहीं है।इसके साथ ही आधुनिक प्रकार की प्रयोगशालाएं एवं अन्य प्रकार की बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।
सरकार ने राज्य के 117 उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों और अन्य बुनियादी ढांचे के प्रावधान पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। शिक्षा विभाग सिंगापुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर आए कुछ उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की नियुक्तिया भी की गई। इन स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। इसके अलावा, छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई प्रिंसिपल कैडर को सिंगापुर प्रशिक्षण प्राप्त किया जाना चाहिए।